कोलकाताः पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आईआईएम में पढ़ाई कर रही एक छात्रा ने आरोप लगाया है कि शुक्रवार को कैंपस में ही उसके एक सहपाठी ने उसके साथ रेप किया। छात्रा ने देर शाम हरिदेवपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मामला दर्ज कर लिया गया।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी को छात्रा की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। यह घटना कथित तौर पर आईआईएम-कोलकाता कैंपस के ब्वॉयज हॉस्टल में हुई है।
छात्रा ने क्या आरोप लगाया?
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, छात्रा ने अपने बयान में आरोप लगाया कि उसे काउंसलिंग सत्र के लिए हॉस्टल में बुलाया गया था। यहां पर उसने एक ऐसा पेय पदार्थ पिया जिसमें उसे लगता है कि नशीला पदार्थ मिला हुआ था। इसे पीने के बाद वह बेहोश हो गई। बाद में होश आने पर उसे पता चला कि उसके साथ यौन उत्पीड़न हुआ है।
हिंदुस्तान टाइम्स ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखा कि छात्रा ने आरोप लगाया कि उसे आरोपी की तरफ से धमकी भी दी गई कि अगर उसने घटना के बारे में कुछ बोला तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
आरोपी छात्र को शुक्रवार रात को पहले हिरासत में लिया गया था और बाद में औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की जांच जारी है।
लॉ छात्रा के साथ रेप
आईआईएम कोलकाता में रेप का आरोप ऐसे वक्त में लगा है जब हाल ही में एक लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ कथित तौर पर सामूहिक रेप की घटना हुई थी।
उस मामले में एक 24 वर्षीय लॉ छात्रा का 25 जून को गैंग रेप हुआ था। छात्रा ने आरोप लगाया था कि परिसर में ही एक पूर्व छात्र और दो सीनियर ने उसके साथ रेप किया। इस घटना को लेकर लोगों में रोष फैला और जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी की मांग की। पीड़िता के वकील ने हाल ही में इस मामले में जरूरी जानकारी कलकत्ता हाई कोर्ट को दी हैं।
लॉ छात्रा के साथ गैंग रेप मामले में अब तक चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसमें मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा के अलावा एक पूर्व छात्र और दो सीनियर छात्र प्रोमित मुखर्जी और जैद अहमद शामिल हैं। वहीं, पूछताछ के दौरान सही जवाब न देने के चलते सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी बनर्जी को भी हिरासत में लिया गया है।
छात्रा ने आरोप लगाया था कि मिश्रा ने 25 जून को कॉलेज के ग्राउंड फ्लोर पर सिक्योरिटी गार्ड के कमरे में उसका यौन उत्पीड़न किया।
इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में गुरुवार को हुई थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने कोलकाता पुलिस को चार हफ्तों के अंदर जांच की प्रगति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था।