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नई दिल्ली: भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) ने मंगलवार को कहा कि वह सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटिज (सीएसडीएस) को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। ICSSR ने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि एक वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य ने महाराष्ट्र में मतदान के संबंध में गलत आंकड़े पोस्ट किए थे, जिससे राजनीतिक विवाद पैदा हो गया।
शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली एक स्वायत्त संस्था ICSSR ने सीएसडीएस पर 'डेटा हेरफेर' और 'भारत के चुनाव आयोग की पवित्रता को कमजोर करने' का आरोप लगाया है। सीएसडीएस दरअसल ICSSR द्वारा वित्त पोषित शोध संस्थानों में से एक है।
सीएसडीएस के संजय कुमार का ट्वीट और फिर माफीनामा
यह पूरा विवाद 17 अगस्त को शुरू हुआ, जब सीएसडीएस में 'लोकनीति' के प्रोफेसर और सह-निदेशक संजय कुमार ने एक्स पर दावा किया कि 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच रामटेक और देवलाली निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में 36-38% की गिरावट आई है। बाद में यह पोस्ट हटा दी गई थी।
विवाद बढ़ने के बीच मंगलवार को संजर कुमार ने एक माफीनामा भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि यह त्रुटि उनकी टीम द्वारा 'डेटा को गलत तरीके से समझने' के कारण हुई। उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में किए गए ट्वीट के लिए मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूँ। ट्वीट को हटा दिया गया है। मेरा किसी भी तरह की गलत सूचना फैलाने का कोई इरादा नहीं था।'
ICSSR ने एक बयान में कहा, 'यह संज्ञान में आया है कि सीएसडीएस में एक जिम्मेदार पद पर जिम्मेदार व्यक्ति ने... मीडिया में ऐसे बयान दिए जिन्हें डेटा विश्लेषण में खामियों का हवाला देते हुए वापस लेना पड़ा। इसके अलावा, संस्थान ने भारत के चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर प्रक्रिया की पक्षपातपूर्ण व्याख्या पर आधारित मीडिया रिपोर्टें प्रकाशित की हैं। आईसीएसएसआर इस डेटा हेरफेर का गंभीरता से संज्ञान लेता है... यह आईसीएसएसआर के अनुदान सहायता नियमों का घोर उल्लंघन है और आईसीएसएसआर संस्थान को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा।'
बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा यह बताए जाने के बाद विवाद और बढ़ गया कि संजय कुमार के गलत आंकड़ों को विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाने के लिए बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया।
सीएसडीएस के डेटा मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस पर इस पोस्ट को चुनावी प्रक्रिया के खिलाफ 'दुष्प्रचार' के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। भाटिया ने कहा, 'वे खुद को सर्वे एजेंसी कहते हैं, लेकिन राहुल गांधी के हाथों की कठपुतली हैं। यह झूठ की फैक्ट्री है।' उन्होंने आगे कहा कि कुमार द्वारा पोस्ट हटाने से पहले कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और राहुल गांधी ने ये आंकड़े पेश किए थे। भाजपा ने राहुल गांधी पर 'सीएसडीएस के साथ मिलीभगत' करके चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी के झूठे आरोप' लगाने का आरोप लगाया।
जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, 'इसे कहते हैं तिनके का सहारा लेना। भाजपा का पूरा तंत्र अच्छी तरह जानता है कि वे वोट चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़े गए हैं।'