पुणेः ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुसीबतें और बढ़ गई हैं। पूजा पर दबाव बनाने और यूपीएससी परीक्षा में गलत जानकारी देने का भी आरोप है। पूजा खेडकर ने अपनी निजी ऑडी गाड़ी पर सायरन लगाकर और अलग बंगला और गाड़ी की मांग कर के विवाद खड़ा कर लिया था। ये सुविधाएं नए आईएएस अफसरों को नहीं मिलतीं।
दोषी पाई गईं तो पूजा खेडकर की जाएगी नौकरी
अब उन पर और भी गंभीर आरोप लगे हैं, जिनसे उनकी यूपीएससी में चयन प्रक्रिया पर ही सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, अगर पूजा खेडकर दोषी पाई गईं तो उन्हें बर्खास्त भी किया जा सकता है। साथ ही, अगर यह सच साबित होता है कि उन्होंने जानकारी छिपाई और गलत जानकारी दी तो उन पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
केंद्र के साथ राज्य सरकार कर रही जांच
केंद्र और राज्य ने पूजा डी. खेडकर के खिलाफ आईएएस (पीओ) के रूप में उनके विभिन्न कथित कार्यों, उनके ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र, मेडिकल रिकॉर्ड, ट्रैफिक पुलिस डेटा आदि से संबंधित दस्तावेजों की स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है। उन पर जांच करने के लिए मनोज द्विवेदी को जिम्मेदारी दी गई है, जो कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) में अतिरिक्त सचिव हैं। जांच दो हफ्तों में पूरी हो जाएगी।
मीडिया ने उनसे सवाल किए लेकिन पूजा ने इन आरोपों पर कुछ नहीं कहा। पूजा ने कहा कि “मैं मीडिया को कोई जवाब नहीं दूंगी, कुछ नहीं बोलूंगी और मैं इसके लिए बाध्य नहीं हूं। मैं इस संबंध में नियुक्त समिति को ही जवाब दूंगी।”
बता दें कि 32 साल की पूजा खेडकर साल 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की 2022 में हुई परीक्षा में 821वीं रैंक हासिल की थी। पहले पुणे में असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर तैनात थीं। लेकिन पुणे कलेक्टर की शिकायत के बाद उनका तबादला वाशिम कर दिया गया। जहां उन्होंने 11 जुलाई को कार्यभार संभाला।
पूजा खेडकर पर क्या आरोप हैं?
पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी लग्जरी गाड़ी पर सायरन और “महाराष्ट्र सरकार” का स्टीकर लगा रखा था। इतना ही नहीं, जब पुणे के एक अफसर अवकाश पर थे, तब पूजा ने उनके दफ्तर का इस्तेमाल किया। यह भी बताया जा रहा है कि उन्होंने दफ्तर का फर्नीचर हटा दिया और लेटरहेड्स तथा वीआईपी नंबर प्लेट की मांग भी की। ये सब सुविधाएं नए आईएएस अफसरों को नहीं मिलतीं, खासकर ट्रेनिंग पीरियड के 24 महीनों के दौरान।
यूपीएससी चयन के लिए गलत जानकारी देने का आरोप
कुछ रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि उनके पिता, जो पहले सरकारी अफसर थे, ने भी उनकी मांगों को मनवाने का दबाव डाला। इसके अलावा, पूजा ने पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दावा भी किया था। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में रियायत पाने के लिए कुछ बीमारियों का दावा भी किया था, लेकिन जरूरी मेडिकल टेस्ट कराने से इनकार कर दिया। इन सब बातों से उनके यूपीएससी में चुने जाने पर ही सवाल उठ रहे हैं।
किसान को धमकाते पूजा खेडकर की माँ का वीडियो वायरल
इस बीच उनकी मां का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह कथित तौर पर पुणे के किसान को पिस्तौल का डर दिखाकर जमीन बेचने के लिए मजबूर करने का प्रयास करती दिख रही हैं। मुलशी क्षेत्र में यह घटना करीब दो महीने पहले हुई थी, लेकिन इसका वीडियो अब सामने आया है। वीडियो में पूजा की मां मनोरमा डी. खेडकर को पिस्तौल दिखाकर एक किसान को धमकाते देखा जा सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुरुष बाउंसरों और महिला सुरक्षाकर्मियों की एक पेशेवर टीम के साथ मनोरमा खेडकर ने किसानों के साथ तीखी बहस की और इस दौरान उन पर पिस्तौल भी तान दी। बाद में इलाके के पीड़ित किसानों ने दावा किया कि वे इस घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज कराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया। अब उन्होंने घटना की गहन जांच की मांग की है।
उनकी संपत्ति के रिकॉर्ड के अनुसार, खेडकर परिवार के पास पुणे में 25 एकड़ से अधिक जमीन है। उन्होंने पड़ोसी किसानों को अपनी जमीन बेचने के लिए मजबूर करके वहां अपनी जमीन बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन ज्यादातर ने इस कोशिश का विरोध किया।