राजस्थान के चुरु में क्रैश हुआ वायुसेना का जगुआर विमान, पायलट समेत दो की मौत

राजस्थान के चुरु जिले में भारतीय वायु सेना का विमान जगुआर क्रैश हो गया है। बीते पांच महीनों ने जगुआर विमान क्रैश होने का यह पहला मामला सामने आया है। साल 1979 में इसे भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था।

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राजस्थान में क्रैश हुआ जगुआर विमान Photograph: (आईएएनएस)

जयपुरः राजस्थान के चुरु जिले में बुधवार को भारतीय वायु सेना का लड़ाकू विमान जगुआर क्रैश हो गया। इसमें पायलट समेत दो लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना चुरू जिले के भानुदा गांव में दोपहर एक बजे के करीब हुई। 

प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, विमान का मलबा खेतों से पाया गया। इसके साथ ही पायलट का शव भी बरामद किया गया। शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त अवस्था में पाया गया। हालांकि, दुर्घटना में मारे गए एक अन्य व्यक्ति की पहचान अभी नहीं हो सकी है। दूसरे व्यक्ति के बारे में न तो वायु सेना ने कोई जानकारी दी है और न ही स्थानीय प्रशासन ने।

मौके पर पहुंची पुलिस की टीमें

इस घटना के तुरंत बाद इलाके में दहशत फैल गई। ग्रामीणों ने बताया कि आसमान से तेज आवाज सुनाई दी, इसके बाद खेतों से आग की लपटें और धुआं उठता दिखाई दिया। स्थानीय निवासियों ने भी यह बताया कि दुर्घटना के कारण आस-पास के खेतों में आग लग गई, जिसे बुझाने का प्रयास किया गया। 

जिलाधिकारी अभिषेक सुराणा और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची हैं। वहीं, सेना की बचाव टीम की भी घटनास्थल पर पहुंचने की उम्मीद है। घटना के पीछे का स्पष्ट कारण अभी पता नहीं चल सका है। सेना द्वारा प्रारंभिक जांच पूरी किए जाने के बाद ही आधिकारिक बयान जारी करने की उम्मीद है। 

प्रशिक्षण पर था लड़ाकू विमान

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि जब यह घटना हुई तो लड़ाकू विमान प्रशिक्षण उड़ान पर था। 

बीते महीनों में जगुआर विमान के क्रैश होने की ऐसी ही अन्य घटनाएं हुई हैं। इसी साल 7 मार्च को हरियाणा के पंचकूला में एक जगुआर प्लेश क्रैश हुआ था। हालांकि, समय रहते पायलट ने विमान से खुद को इजेक्ट कर लिया था और जान माल का खतरा नहीं हुआ था। 

इसी तरह गुजरात के जामनगर में 2 अप्रैल को विमान क्रैश हो गया था जिसमें एक पायलट की मौत हो गई थी और अन्य पायलट घायल हो गया था। 

1979 में वायुसेना में शामिल

जगुआर लड़ाकू विमान को ब्रिटेन और फ्रांस ने मिलकर 1970 में बनाया था। वहीं, भारतीय वायु सेना में इसे साल 1979 में शामिल किया गया। जमीन पर हमले और हवाई रक्षा के लिए इसे जाना जाता है।

इस विमान में दो पायलट बैठ सकते हैं और यह 1,700 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम है। जगुआर विमान वैसे तो भारतीय वायु सेना का अहम हिस्सा हैं लेकिन बीते 5 महीनों में तीन घटनाएं घटी हैं। ऐसे में जगुआर विमान को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। 

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