मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के बाद सियासी गलियारों में भी हलचल है। इसको लेकर जमकर बयानबाजी जारी है। इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने इसे बिहार और पश्चिम बंगाल के चुनाव से जोड़ दिया है। उन्होंने कहा, 'राणा को भारत लाए हैं, ये अच्छी बात है। ये लोग बिहार चुनाव से पहले उसको फांसी पर लटका देगें और उसका डंका पूरे बिहार चुनाव में बजाएंगे। ये राष्ट्रहित और देश की सुरक्षा के मामले होते हैं, इसपर गंभीरता से विचार करना चाहिए।''
राउत के इसी बयान पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, ''देश के लिए गर्व की बात है। मोदी सरकार कर रही है और दूसरी तरफ मूर्खों जैसे बयान लोग दे रहे हैं। मैं मूर्खों को जवाब नहीं देता।''
महाराष्ट्र सीएम क्या बोले?
फड़नवीस ने आगे कहा, 'मुझे अत्यंत संतोष और गर्व है कि तहव्वुर हुसैन राणा जैसे आतंक के षड्यंत्रकारियों को अब भारत लाया जा रहा है। यह केवल एक व्यक्ति की वापसी नहीं है, बल्कि 26/11 मुंबई हमले के पीड़ितों के न्याय की दिशा में एक निर्णायक कदम है।' सीएम ने कहा, ''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राजनीतिक दल, देश की सुरक्षा और न्याय को लेकर इस प्रकार की गैर-जिम्मेदार बयानबाज़ी करते हैं। आतंकवाद का कोई धर्म या संगठन नहीं होता और देशहित से बड़ा कोई एजेंडा नहीं होना चाहिए।”
संजय राउत ने क्या कहा था?
बता दें कि संजय राउत ने कहा था कि सरकार राणा को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान फांसी पर लटका देगी। संजय राउत ने कहा कि राणा को तुरंत फांसी दी जानी चाहिए, लेकिन सरकार उसे बिहार चुनाव के दौरान फांसी पर लटकाएगी। उन्होंने कहा, "राणा को भारत लाने के लिए 16 साल लंबी लड़ाई चली और यह कांग्रेस के शासन के दौरान शुरू हुई। इसलिए राणा को वापस लाने का श्रेय किसी को नहीं लेना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि राणा भारत प्रत्यर्पित होने वाला पहला आरोपी नहीं है। अतीत में 1993 के सीरियल ब्लास्ट के आरोपी अबू सलेम को भी भारत प्रत्यर्पित किया गया था। राउत ने यह प्रतिक्रिया पाकिस्तानी मूल के 64 वर्षीय कनाडाई नागरिक और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपियों में से एक राणा को दिल्ली लाए जाने के बाद दी।