नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक-2024 पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की शुक्रवार को बैठक के दौरान जबर्दस्त हंगामे के बाद 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित सांसदों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, नासिर हुसैन, मोहिबुल्लाह जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा एम. अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीमुल हक और इमरान मसूद को भी निलंबिक किया गया है।
बैठक के दौरान हुए हंगामे के बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने मीडिया से बात करते हुए जगदंबिका पाल पर विपक्ष की बात नहीं सुनने और ‘जमींदारी’ की तरह कार्यवाही चलाने का आरोप लगाया। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल वक्फ संसोधन बिल पर बनी जेपीसी के अध्यक्ष हैं।
कल्याण बनर्जी ने क्या आरोप लगाया?
कल्याण बनर्जी ने कहा, ’21 जनवरी को देर तक हुए सत्र के बाद अध्यक्ष ने सदस्यों को सूचित किया कि बैठक 24 और 25 जनवरी को होगी। अन्य सदस्यों ने विरोध किया और एक पत्र लिखा। हमने 30 या 31 के बाद बैठक निर्धारित करने का अनुरोध किया लेकिन अध्यक्ष ने हमारी बात नहीं सुनी।’
बनर्जी ने आगे कहा, ‘हम अपने सभी कार्यक्रम स्थगित करके आए थे। कल आधी रात को हमें संदेश मिला कि एजेंडे में बदलाव है, क्लॉकवाइज चर्चा नहीं होगी लेकिन 24 और 27 को बैठक होगी। 25 जनवरी को नहीं। अंदर जो कुछ हो रहा है वह अघोषित आपातकाल की कार्यवाही जैसा है।’
‘दिल्ली चुनाव को देखते हुए सरकार कर रही जल्दी’
बनर्जी ने कहा कि ये राजनीति से प्रेरित है और दिल्ली चुनाव की वजह से चीजों को जल्दी समेटने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा, ‘अध्यक्ष हमारी नहीं सुनते, ये जमींदारी की तरह है। वे किसी विपक्षी सांसद को सम्मान नहीं देते।’
वहीं, कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने कहा, ‘अध्यक्ष को यह भी समझना चाहिए कि वक्फ और अन्य मुद्दों पर पहले की जेपीसी ने कितने दिनों तक काम किया है। बड़ी संख्या में बैठकें हुईं। इसलिए, मुझे नहीं लगता कि हमें जल्दबाजी करनी चाहिए। हमें विस्तार से चर्चा करनी चाहिए और एक व्यापक रिपोर्ट पेश करनी चाहिए। इसके बजाय, भाजपा और सरकार जो करने की कोशिश कर रही है वह केवल दिल्ली चुनावों में लाभ हासिल करने के लिए जेपीसी को रिपोर्ट सौंपने का दबाव है।’
विपक्ष के आरोपों पर भाजपा सांसद ने क्या कहा?
इस बीच सत्ता पक्ष की ओर से भी इस हंगामे पर बयान आया है। भाजपा सांसद और जेपीसी सदस्य निशिकांत दुबे ने विपक्ष पर हंगामा करने और संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘विपक्ष, खासतौर पर ओवैसी जी का मानना था कि जम्मू-कश्मीर का पूरा प्रतिनिधित्व नहीं सुना गया और निर्वाचित प्रतिनिधियों को बुलाया जाना चाहिए था। आज की बैठक, जिस में चर्चा होनी थी…विपक्ष के सुझाव के आधार पर अध्यक्ष द्वारा स्थगित कर दी गई।’
बता दें कि आज की बैठक में कश्मीर से एक धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अपनी बात रखने आया था। मीरवाइज को बुलाने से पहले समिति के सदस्यों ने चर्चा की और इसी दौरान हंगामा बढ़ गया। निशिकांत दुबे ने आगे कहा, ‘मीरवाइज के सामने इन लोगों ने हंगामा किया, दुर्व्यवहार किया और संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ काम किया।’
पहले भी हो चुका है जेपीसी बैठक में हंगामा
यह पहली बार नहीं है जब वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर जेपीसी की बैठक में इस तरह का हंगामा देखने को मिला है। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में वक्फ बिल पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक के दौरान कल्याण बनर्जी और बीजेपी के अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच काफी तनातनी की खबरें सामने आई थी। यहां तक की कल्याण बनर्जी ने एक कांच की बोतल तोड़ दी और उसे अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की ओर फेंके लेकिन इस क्रम में वे (बनर्जी) खुद को चोटिल कर बैठे थे।