नई दिल्ली: भारतीय एयरफोर्स के आपरेशन सिंदूर में जैश ए मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर की बड़ी बहन समेत उसके परिवार के कई लोग मारे गए। अचूक हमला मसूद अजहर के बहावलपुर स्थित डेरे पर हुआ। मौलाना अजहर ने खुद ही इस खबर की तस्दीक की है। इसके अलावा, परिवार के कई सदस्य गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। भारत का दुश्मन नंबर वन मसूद अजहर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक और सरगना है। उसने भारत पर कई आतंकी हमले करवाए हैं।
भारत ने लंबे समय तक मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने और उसके खिलाफ कार्रवाई की माँग की है। भारत का कहना है कि अजहर पाकिस्तान में खुलेआम सक्रिय है और भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है।
मसूद अजहर ने साल 2000 में बनाई थी जैश-ए-मोहम्मद
अजहर ने 2000 में जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की, जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सक्रिय है। यह संगठन अल-कायदा और तालिबान से जुड़ा रहा है। भारत ने मसूद अजहर को कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड माना है, जिनमें 2001 में भारतीय संसद पर किया हमला भी शामिल है। 13 दिसंबर 2001 को नई दिल्ली में संसद भवन पर हमला हुआ, जिसमें सुरक्षाकर्मी समेत 9 लोगों की मौत हुई थी। भारत ने इसके लिए जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर को जिम्मेदार ठहराया।
कुछ सालों की शांति के बाद पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमला 2016 में हुआ, जिसमें 7 सुरक्षाकर्मी मारे गए। भारत ने इसके लिए मौलाना अजहर को दोषी ठहराया। 2019 में पुलवामा में हमला हुआ। 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें 40 से अधिक जवानों की जान चली गई। जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली।
जाली पासपोर्ट पर जब श्रीनगर आया था मसूद अजहर
मौलाना मसूद अजहर 1990 के दशक के अंत में जाली पासपोर्ट पर श्रीनगर आया था। उसका मकसद हरकत-उल-मुजाहिद्दीन और हरकत-उल-अंसार के बीच संबंध सुधारना था। तब उसे भारत ने गिरफ्तार कर लिया था। उसे जम्मू की कोट भलवाल जेल में रखा गया।
आपको याद होगा कि दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट आईसी-814 के अपहरण के दौरान, अपहर्ताओं ने यात्रियों की रिहाई के बदले अजहर समेत तीन आतंकियों (उमर शेख और मुश्ताक अहमद जरगर) को छोड़ने की माँग की। भारत सरकार को कंधार में तालिबान के नियंत्रण वाले क्षेत्र में मसूद अजहर को रिहा करना पड़ा।
जेल से रिहा होने के बाद उसने कश्मीर में भारत के खिलाफ लड़ने के लिए आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद की शुरुआत की। इसका का मुख्य उद्देश्य कश्मीर को भारत से अलग करना था। उसे 1 मई 2019 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया।
मसूद अजहर से जुड़ी आती रही हैं खबरें
रक्षा मामलों के जानकार स्केवड्रेन लीडर अनिल सहगल कहते हैं कि भारत बार-बार सुबूतों के साथ दावा करता रहा है कि पाकिस्तान मसूद अजहर को संरक्षण देता है। 2019 में पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने स्वीकार किया था कि अजहर पाकिस्तान में है, लेकिन "बीमार" है और कार्रवाई के लिए भारत को "ठोस साक्ष्य" देना होगा।
पिछले साल दिसंबर में खबरें आईं कि अजहर को अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में आतंकियों को प्रशिक्षण देते समय हार्ट अटैक हुआ। उसे कराची के सैन्य अस्पताल में भर्ती किया गया।
ISI से मसूद अजहर को मिलता है 'खाद-पानी'
जैश- ए- मोहम्मद के नेता मौलाना मसूद अजहर की भारत से खुन्नस पुरानी है। इन दोनों ने भारत को क्षति पहुंचाने की हर मुमकिन कोशिशें की। इसे ताकत तो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से ही मिलती है। आईएसआई एक तरह से पाकिस्तान सेना का गुटका संस्करण है। वह पाकिस्तान सेना के अंतर्गत काम करती है।
आईएसआई की तरफ से जैश सरीखे संगठनों को हमारे पंजाब में आतंकवाद के दौर के बचे हुए गुटों को फिर से खड़ा करने का जिम्मा सौपा गया है। आईएसआई की ख्वाहिश है कि जैश के आतंकी गुरदासपुर-पठानकोट-जम्मू सेक्टर में अपना खूनी खेल बढ़ाएं।
दरअसल आईएसआई जैश को फिर से खड़ा कर रहा है। कहने वाले कहते हैं, जैश- ए- मोहम्मद तो लश्कर ए तैयबा से ज्यादा खतरनाक संगठन है। बेशक, भारत की कोशिश रहेगी कि मौलाना मसूद को निकट भविष्य में ढेर कर दिया जाए।