38 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा 9 अगस्त को समाप्त होगी। फोटोः IANS
श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर की वार्षिक यात्रा इस वर्ष 3 जुलाई से शुरू हुई है और हर दिन हजारों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहुँच रहे हैं। बुधवार को 7,579 तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से कश्मीर घाटी की ओर रवाना हुआ।
अधिकारियों के अनुसार, अब तक 1.11 लाख से अधिक श्रद्धालु अमरनाथ गुफा में स्थित प्राकृतिक हिमलिंग के दर्शन कर चुके हैं। बुधवार सुबह 3:25 बजे 133 वाहनों में 3,031 यात्री बालटाल बेस कैंप के लिए निकले, जबकि 169 वाहनों में 4,548 यात्री 3:40 बजे नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप की ओर रवाना हुए।
यात्रा दो मार्गों से की जा रही है। पहला पहलगाम मार्ग जो 46 किलोमीटर लंबा है। यह पारंपरिक और सुंदर लेकिन अपेक्षाकृत लंबा रास्ता है। दूसरा बालटाल मार्ग जो सिर्फ 14 किमी लंबा है। हालांकि यह अधिक खड़ी चढ़ाई वाला मार्ग है।
श्रद्धालु पैदल, घोड़े या पालकी की मदद से यात्रा पूरी करते हैं। हालांकि, इस बार सुरक्षा कारणों से हेलीकॉप्टर सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है।
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) के अनुसार, जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास के अलावा, कई श्रद्धालु सीधे नुनवान (पहलगाम) और बालटाल बेस कैंप पहुंचकर ऑन-स्पॉट रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं।
इस बार यात्रा पर सख्त सुरक्षा व्यवस्था
बाइसारन (पहलगाम) में हाल में हुए आतंकी हमले को ध्यान में रखते हुए इस बार अमरनाथ यात्रा पर बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। हमले में 26 लोगों की जान गई थी। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने अतिरिक्त 180 कंपनियों को तैनात किया है, जिनमें आर्मी, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस शामिल हैं।
यात्रा मार्ग में सभी ट्रांजिट कैंपों और बेस कैंप से लेकर गुफा तक के रास्ते को पूरी तरह सुरक्षित बनाया गया है। 38 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो कि श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के पावन पर्व के साथ संयोग रखती है।
13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में भगवान शिव का प्राकृतिक रूप से बना हुआ हिमलिंग स्थापित है, जो चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ आकार बदलता है। यह स्थान पूरे साल बर्फ से ढका रहता है और केवल गर्मी या श्रावण मास के दौरान ही श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है।