पीएम मोदी के दौरे से पटरी पर लौटेगा भारत-रूस रक्षा सौदा? यूक्रेन युद्ध के बाद से थम गई है गति

यात्रा पर जाने से पहले पीएम मोदी ने कहा है कि, भारत और रूस के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी पिछले दस वर्षों में आगे बढ़ी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों से लोगों का आदान-प्रदान शामिल है।

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How can PM Modi russia visit bring both countries defense deal which is running at a slow pace due to the Ukraine war on track

पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो-IANS)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी रूस के दौरे पर हैं। वे सोमवार को रूस और ऑस्ट्रिया की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रवाना हो गए हैं। अपनी यात्रा के पहले चरण में पीएम मोदी भारत और रूस के बीच 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मास्को में होंगे।

इस दौरान वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात भी करेंगे। उनकी यह यात्रा कई मायनों में खास है। एके-203 असॉल्ट राइफल सौदे के बाद भारत और रूस के बीच कई और रक्षा परियोजनाओं की डील भी हो सकती है।

क्या है एजेंडा

एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस दौरे पर पीएम मोदी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (एफजीएफए) को लेकर बातचीत को आगे बढ़ा सकते हैं। ऐसे में इस दौरे पर फाइटर जेट एसयू 57 एक प्रमुख विषय हो सकता है।

यही नहीं उनके दौरे पर दोनों सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए रसद आपूर्ति समझौता पर भी विचार हो सकता है। दोनों नेताओं के बीच परमाणु ऊर्जा सहयोग को लेकर भी चर्चा होने की उम्मीद की जा रही है।

रूस-यूक्रेन युद्ध का पड़ा था असर

पिछले कुछ सालों से चल रहे रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण भारत और रूस के बीच रक्षा समझौतें भी काफी प्रभावित हुए हैं और इसकी गति भी धीमी हुई है। युद्ध के चलते भुगतान में देरी हुई है जो अब फिर से पीएम मोदी के दौरे के बाद पटरी पर आ सकती है। पीएम मोदी की यात्रा का उद्देश्य इन रक्षा चर्चाओं को गति देना है।

भारत में तीन स्क्वाड्रन हो चुके हैं स्थापित

पीएम मोदी की यात्रा से पहले रूसी रक्षा दिग्गज जेएससी रोसोबोरोन एक्सपोर्ट ने भारत में 3वीबीएम17 मैंगो कवच-भेदी राउंड का उत्पादन शुरू कर दिया है। रोसोबोरोन एक्सपोर्ट का यह प्रयास भारत की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे पहलों को समर्थन देना है।

इन राउंड को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये आधुनिक युद्धक्षेत्रों में आवश्यक समग्र कवच वाले बख्तरबंद वाहनों को भेद सकती हैं।

यह प्रयास भारत और रूस साझेदारी को गहरा करता है जिसमें कवच-भेदी प्रोजेक्टाइल के साथ 125 मिमी 3वीबीएम17 मैंगो राउंड के स्थानीय निर्माण पर ज्यादा फोकस किया गया है।

बता दें कि भारत ने पहले ही रूसी एस-400 मिसाइल सिस्टम के तीन स्क्वाड्रन स्थापित कर दिए हैं और अभी रूस से दो और शिपमेंट के आने की उम्मीद है। पीएम मोदी अपने इस यात्रा पर बाकी दो और शिपमेंट की प्रगति की समीक्षा कर सकते हैं।

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रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने क्या कहा है

रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि वह अपने मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए उत्सुक हैं। अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, "अगले तीन दिनों में मैं रूस और ऑस्ट्रिया में रहूंगा। ये यात्राएं इन देशों के साथ संबंधों को गहरा करने का एक शानदार अवसर होंगी। मैं इन देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करूंगा।"

पीएम ने यह भी कहा, "भारत और रूस के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी पिछले दस वर्षों में आगे बढ़ी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों से लोगों का आदान-प्रदान शामिल है।"

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रूस में भारतीय समुदाय से मिलने का मिलेगा अवसर-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं अपने मित्र राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर दृष्टिकोण साझा करने के लिए तैयार हूं। हम एक शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए एक सहायक भूमिका निभाना चाहते हैं। यह यात्रा मुझे रूस में भारतीय समुदाय से मिलने का अवसर भी प्रदान करेगी।"

पीएम मोदी का है यह प्रोग्राम

राष्ट्रपति पुतिन सोमवार रात प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में एक रात्रिभोज का आयोजन करेंगे। मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे। उसके बाद वह मास्को में प्रदर्शनी स्थल पर रोसाटॉम मंडप का दौरा करेंगे। इन मुलाकातों के बाद दोनों नेताओं के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी।

प्रधानमंत्री मंगलवार दोपहर को मास्को से वियना के लिए रवाना होंगे। ऑस्ट्रिया में, प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन और चांसलर कार्ल नेहमर से मुलाकात करेंगे।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ

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