नई दिल्लीः गृह मंत्रीअमित शाह ने आज मणिपुर को लेकर बैठक की थी। इस बैठक में गृह मंत्री ने राज्य को लेकर बड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य में आठ मार्च से मणिपुर की सभी सड़कों पर लोगों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने की बात की है। उन्होंने अधिकारियों को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाई करने का आदेश दिया है जो आवाजाही में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न करें। 

बैठक दिल्ली में हुई थी जिसमें मणिपुर राज्य में मई 2023 से जारी हिंसा को लेकर चर्चा हुई। राज्य में दो समुदायों के बीच से संघर्ष जारी है। इस संघर्ष में अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, हजारों लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। 

जनवरी में कुकी समुदाय द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग -2 की नाकाबंदी की गई थी। यह राजमार्ग कांगपोकपी जिले से होकर गुजरती है। हालांकि बाद में यह नाकाबंदी हटा ली गई थी। 

गृह मंत्रालय ने जारी किया बयान

आज हुई बैठक के बाद गृह मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी किया है। मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि "मणिपुर को नशा मुक्त बनाने के लिए नशीली दवाओं के व्यापार में शामिल पूरे नेटवर्क को नष्ट किया जाना चाहिए। "

आज हुई इस बैठक में गृह मंत्री के साथ-साथ राज्य के गवर्नर अजय कुमार भल्ला के साथ मणिपुर सरकार के प्रमुख अधिकारी भी शामिल रहे। इसके साथ ही सेना और अर्धसैनिक बल भी तैनात रहे। 

यह समीक्षा बैठक उस समय हो रही है जब बीती 20 फरवरी को राज्यपाल ने लोगों से अनुरोध किया था कि अवैध तरीके से जमा किए गए हथियारों को एक हफ्ते के भीतर जमा करें।

300 से अधिक हथियार समर्पित

राज्यपाल के अल्टीमेटम के बाद सात दिनों में 300 से अधिक हथियार आत्मसमर्पित किए गए। जमा किए गए हथियारों में अधिकतर घाटी जिलों के हैं। 

राज्यपाल के पास घाटी और पहाड़ी इलाके के लोगों की तरफ से हथियार जमा करने की तारीख बढ़ाने का अनुरोध किया गया था जिसके बाद राज्यपाल ने छह मार्च को चार बजे तक समय बढ़ा दिया है। 

राज्य में शुरू हुई हिंसा के शुरुआती दौर में पुलिस स्टेशनों से हजारों की संख्या में हथियारों की लूट की गई थी। तभी से केंद्र सरकार हथियारों को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। 

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है। राष्ट्रपति शासन 13 फरवरी से लागू है।