हिमाचल में बारिश का कहर, 1,852 करोड़ का नुकसान, 108 मौतें, रोकी गई किन्नौर कैलास यात्रा

भारी बारिश और भूस्खलन के कारण किन्नौर कैलास यात्रा को भी अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। यात्रा मार्ग पर तांगलिप्पी और कंगारंग में बने दो पुल बह जाने से 413 श्रद्धालु रास्ते में फंस गए थे।

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Photograph: (IANS)

हमीरपुः पहाड़ी इलाकों में मानसूनी बारिश और बादल फटने की घटनाओं की वजह से जनजीवन पर गहरा असर पड़ा है। उत्तरकाशी के तीन जगहों पर मंगलवार जहां बादल फटने की घटना ने बड़े आपदा को जन्म दिया वहीं हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष मानसून ने व्यापक तबाही मचाई है।

राज्य में भारी बारिश, भूस्खलन, बादल फटने और फ्लैश फ्लड से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। 20 जून से अब तक कुल 1,852 करोड़ रुपए का भारी नुकसान हो चुका है, जिसमें 108 लोगों की मौत हुई है और 36 लापता हैं। राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र (SEOC) के अनुसार, अभी तक 1,738 घरों को आंशिक या पूरी तरह से नुकसान पहुंचा है।

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के हमीरपुर डिवीजन को अकेले 211 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्य अभियंता विजय चौधरी ने बताया कि हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना जिलों में सड़कों और पुलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इनमें सबसे ज्यादा ऊना जिला प्रभावित हुआ है, जहाँ 70 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति का अनुमान है और चार बड़े पुल भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं, बिलासपुर जिले में अब तक 42 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि हमीरपुर जिले में 11.48 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है।

मुख्य अभियंता ने बताया कि विभाग की टीमें युद्धस्तर पर काम कर रही हैं, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में यातायात बहाल किया जा सके। अभी भी 617 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 377 अकेले मंडी जिले में और 90 कुल्लू जिले में हैं। चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग सहित चार राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद हो गए हैं।

किन्नौर कैलास यात्रा स्थगित

भारी बारिश और भूस्खलन के कारण किन्नौर कैलास यात्रा को भी अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। यात्रा मार्ग पर तांगलिप्पी और कंगारंग में बने दो पुल बह जाने से 413 श्रद्धालु रास्ते में फंस गए थे। जिला प्रशासन द्वारा सूचना मिलने पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने बचाव अभियान चलाया। आईटीबीपी द्वारा साझा किए गए वीडियो में दिखाया गया है कि श्रद्धालुओं को स्ट्रीम के एक छोर से दूसरे छोर तक जिपलाइन के जरिए सुरक्षित निकाला गया। अधिकारियों ने बताया कि रास्ते में फंसे श्रद्धालुओं को मिलिंग खाता और गुफा में सुरक्षित स्थान पर ठहराया गया है।

राज्य में बारिश का कहर जारी है, जिससे कई शहरों में जलभराव, भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की घटनाएं बढ़ रही हैं। कसौली में 145 मिमी, धर्मपुर में 122.8 मिमी, गोहर में 120 मिमी और सुंदरनगर में 80.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है। सड़क बंद होने से कई जगहों पर ट्रैफिक जाम लग गया। सुरक्षा के मद्देनजर, शिमला, मंडी, कुल्लू और सोलन जिलों के कई उपखंडों में स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ियां बंद कर दी गई हैं। इसके अलावा, शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड ने भी तीन दिनों तक पानी की आपूर्ति में रुकावट की चेतावनी दी है, क्योंकि जल स्रोतों में गंदा पानी आ रहा है। राज्य में अब तक 55 फ्लैश फ्लड, 28 बादल फटने और 48 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, जिससे आम जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

 

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