हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले के करसोग उपमंडल में मंगलवार तड़के कई जगह बादल फटने की घटनाएं सामने आईं, जिससे भारी तबाही मची। इस आपदा में अब तक 4 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 18 लापता बताए जा रहे हैं। वहीं, अलग-अलग जगहों से 41 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है।

सूत्रों के मुताबिक, मंडी जिले में कम से कम चार स्थानों पर बादल फटने से तेज फ्लैश फ्लड आया, जिससे कई घर, गाड़ियां और पुल बह गए। इसके अलावा 26 पालतू भेड़ बकरियों, घोड़े और गाय की मौत हो गई है।

हादसा तड़के हुआ, जिससे कई लोग समय रहते सुरक्षित स्थानों पर भाग निकले। किरातपुर-मणाली नेशनल हाईवे पर मंडी से कुल्लू के बीच कई स्थानों पर रास्ता बंद हो गया। कई वाहन चालकों को रातभर सुरंगों में फंसे रहना पड़ा।

जायूनी खड्ड में दो मकान बहे, एक ही परिवार के सात लोग रेस्क्यू

जायूनी खड्ड क्षेत्र में ब्यास नदी की सहायक नदी ने दो मकानों को बहा दिया। इस घटना में 18 लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं, रिकी गांव से एक ही परिवार के सात सदस्यों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।

गोहर उपमंडल में एक मकान बह गया। हादसे में मां-बेटी को बचा लिया गया, मगर सात लोग अब भी लापता हैं। इनकी पहचान बागा गांव निवासी पदम सिंह (75), देवकू देवी (70) , झाबे राम (50) , पार्वती देवी (47), सुरमि देवी (70 ), इंद्र देव (29 ), उमावती (27), कनिका (9) और गौतम (7) के रूप में हुई है।

धर्मपुर उपमंडल के स्याथी गांव में कई घरों और पशुशालाओं को नुकसान पहुंचा है, हालांकि वहां से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। मंडी के जेल रोड पर खड़ी लगभग एक दर्जन गाड़ियां भूस्खलन के कारण मलबे में दब गईं।

पंडोह बाजार खाली कराया गया, ब्यास नदी खतरे के निशान पर

जिले में भारी बारिश के चलते पंडोह डैम का जलस्तर तेजी से बढ़कर 2922 फीट तक पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 2941 फीट पर है। जलस्तर को नियंत्रित रखने के लिए डैम से ब्यास नदी में डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे ब्यास नदी पूरे उफान पर है और मंडी शहर में पंचवक्त्र मंदिर तक पानी पहुंच गया। शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया। यहां सभी छोटे बड़े नदी-नाले उफान पर हैं। भारी बारिश के चलते पूरा जनजीवन अस्तव्यस्त है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों से अपील की है कि वो नदी-नालों के आसपास न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

सोमवार देर रात पंडोह डैम से पानी छोड़े जाने के बाद ब्यास नदी का जलस्तर 2922 फीट तक बढ़कर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। जलस्तर को नियंत्रित रखने के लिए डैम से ब्यास नदी में डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे ब्यास नदी पूरे उफान पर है और मंडी शहर में पंचवक्त्र मंदिर तक पानी पहुंच गया। शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया। यहां सभी छोटे बड़े नदी-नाले उफान पर हैं। 

डैम में जलस्तर बढ़ने के चलते प्रशासन ने आधी रात को पंडोह बाजार को एहतियातन खाली करा लिया। हालांकि, कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। रघुनाथ का पधर से 14 और पुरानी मंडी से 11 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। वहीं, कांडी-कटौला क्षेत्र में बागी नाले में भी फ्लैश फ्लड की सूचना है। 

SDRF तैनात, सभी स्कूल बंद, सड़कों पर यातायात बंद

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें मौके पर तैनात हैं और स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। लगातार बारिश के कारण राजमार्ग को साफ करने के प्रयासों में बाधा आ रही है। मंडी से कुल्लू की ओर जाने वाला यातायात स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन ने फंसे यात्रियों को खाद्य सामग्री और पानी उपलब्ध कराया है।

ब्यास नदी के ऊपरी क्षेत्रों में भारी बारिश से पंडोह डैम में पानी का प्रवाह तेज हुआ, जिसके चलते बांध के गेट खोलने पड़े। चेतावनी सायरन बजाए जा रहे हैं और मुनादी वाहन लगातार लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील कर रहे हैं।

लारजी हाइड्रो प्रोजेक्ट ने भी पानी छोड़ा, जिसके बाद कुल्लू जिले में पर्यटकों को चेतावनी जारी की गई है। कुल्लू जिला प्रशासन ने 1 जुलाई से 5 जुलाई तक एक येलो अलर्ट जारी की है। सावधानी के तहत मंडी और कांगड़ा में सभी स्कूल व शिक्षण संस्थान मंगलवार को बंद रहेंगे। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हिमाचल सरकार को पहले दो हफ्ते में करीब 800 करोड़ रुपये की संपत्ति की बर्बादी और नुकसान हुआ है।