हाईकोर्ट ने मेधा पाटकर की याचिका खारिज की, पहले जुर्माना भरने का आदेश

यह मामला 23 साल पुराना है, जो दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा दायर किया गया था। उस समय सक्सेना गुजरात की एक गैर-सरकारी संस्था के प्रमुख थे।

मेधा पाटकर, दिल्ली उपराज्यपाल वीके सक्सेना. मेधा पाटकर को सजा,

मेधा पाटकर। IANS

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को मानहानि मामले में एक लाख रुपये का जुर्माना टालने के लिए सीधे राहत देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने पाटकर से कहा कि वे पहले सेशंस कोर्ट के आदेश का पालन करें और फिर किसी अपील के लिए हाईकोर्ट आएं।

यह मामला 23 साल पुराना है, जो दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा दायर किया गया था। उस समय सक्सेना गुजरात की एक गैर-सरकारी संस्था के प्रमुख थे। 8 अप्रैल को सेशंस कोर्ट ने 70 वर्षीय पाटकर को दोषी करार देते हुए उन्हें जेल की सजा नहीं दी, बल्कि 'अच्छे आचरण' की शर्त पर प्रोबेशन पर छोड़ दिया। हालांकि, इसके तहत एक लाख रुपये जुर्माना भरना अनिवार्य था।

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

हाईकोर्ट की जस्टिस शालिंदर कौर ने पाटकर की उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने जुर्माना भरने की समयसीमा को टालने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति कौर ने कहा, "आप पहले ट्रायल कोर्ट का आदेश मानिए, उसके बाद हम आपकी याचिका पर विचार करेंगे। आखिरी दिन आकर कोर्ट पर दबाव न बनाएं।"

अब यह मामला बुधवार को सेशंस कोर्ट में पेश होगा, जहां पाटकर को प्रोबेशन बॉन्ड भरने और जुर्माने की राशि जमा करने की प्रक्रिया पूरी करनी है।

19 मई को अगली सुनवाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 19 मई के लिए निर्धारित की है, जिसमें पाटकर की उस याचिका पर सुनवाई की जाएगी, जिसमें उन्होंने 2 अप्रैल को सेशंस कोर्ट द्वारा उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखने को चुनौती दी है।

गौरतलब है कि इससे पहले 1 जुलाई, 2024 को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मेधा पाटकर को आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए पांच महीने की साधारण कैद और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।

हालांकि, बाद में सेशंस कोर्ट ने इस आदेश को संशोधित करते हुए जेल की सजा को प्रोबेशन में बदल दिया और जुर्माने की राशि घटाकर एक लाख रुपये कर दी, जिसे पीड़ित वीके सक्सेना को मुआवजे के रूप में देना है। कानून के अनुसार, यह राशि जुर्माने के तौर पर वसूली जा सकती है।

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