कुख्यात गैंगस्टर राकेश उर्फ काला खैरमपुरिया पकड़ा गया, जानें इस गैंगस्टर का आपराधिक रिकॉर्ड

सोनीपत में एक सरपंच की हत्या, गोहाना की एक प्रसिद्ध मिठाई की दुकान पर फायरिंग, मुरथल के ढाबे पर हत्या और दिल्ली के राजौरी गार्डन में बर्गर किंग पर हुई गोलीबारी जैसी घटनाओं में खैरमपुरिया के गिरोह का हाथ बताया जाता है।

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काला खैरमपुरिया का अपराधिक रिकॉर्ड

हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने कई आपराधिक मामलों में आरोपी कुख्यात अपराधी राकेश उर्फ ​​काला खैरमपुरिया को गिरफ्तार किया है। फोटोः ANI वीडियो ग्रैब

नई दिल्लीः हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने कुख्यात गैंगस्टर राकेश उर्फ काला खैरमपुरिया को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर हत्या और हरियाणा में रंगदारी के दो दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 2020 में पैरोल जंप करने के बाद से फरार चल रहा खैरमपुरिया को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) पर पकड़ा गया। पुलिस को बर्गर किंग फायरिंग मामले में भी खैरमपुरिया के तार मिलने का शक है।

पुलिस उप महानिरीक्षक और एसटीएफ (हरियाणा) के प्रमुख सिमरदीप सिंह के अनुसार, खैरमपुरिया को 2020 में पैरोल पर रिहा कर दिया गया था, जिसके बाद वह फरार हो गया था। फरार रहने के दौरान, खैरमपुरिया ने अपनी गतिविधियों को हरियाणा और पड़ोसी राज्यों दिल्ली और राजस्थान में बढ़ाते हुए अपना अपराधिक काम जारी रखा। 2021 में, उसने फतेहाबाद में एक और हत्या कर दी। उसे 2023 में भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया था।

पुलिस ने बताया कि अकेले इस साल हिसार क्षेत्र में कम से कम 50 व्यापारियों और कारोबारियों को गैंगस्टरों से रंगदारी के लिए फोन आए हैं।

पहचान छिपाकर थाइलैंड में रह रहा था खैरमपुरिया 

पुलिस की मानें तो पुलिस के अनुसार, एसटीएफ ने खैरमपुरिया को पकड़ने के लिए गहन जांच की। जांच में पता चला कि उसने अपनी पहचान छिपाई हुई है और वो थाईलैंड में रह रहा है। डीआईजी सिंह ने बताया कि "हमने गृह मंत्रालय के साथ मिलकर काम किया और इंटरपोल से खैरमपुरिया के बारे में जानकारी हासिल की। उसका फर्जी पासपोर्ट रद्द कर दिया गया और गृह मंत्रालय के जरिए उसकी असली पहचान और अपराध रिकॉर्ड को बताने वाले दस्तावेजों को दूसरे एजेंसियों के साथ शेयर किया गया। इस सहयोगात्मक प्रयास की वजह से उसे वापस लाया गया और फिर एसटीएफ की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।"

2023 में फर्जी पासपोर्ट लेकर विदेश भाग गया था खैरमपुरिया

डीआईजी सिंह ने बताया कि खैरमपुरिया 2023 की शुरुआत में फर्जी पासपोर्ट लेकर विदेश भाग गया था और वहीं से अपना गिरोह चला रहा था। उन्होंने कुख्यात अपराधी हिमांशु भाऊ और नीरज फरीदपुरिया गैंग से मिलकर काम किया था। ये सभी मिलकर एक बड़े गिरोह चलाते थे जो सुपारी हत्या और रंगदारी जैसी बड़ी वारदातों को अंजाम देते थे। खासतौर पर सोनीपत में एक सरपंच की हत्या, गोहाना की एक प्रसिद्ध मिठाई की दुकान पर फायरिंग, मुरथल के ढाबे पर हत्या और दिल्ली के राजौरी गार्डन में बर्गर किंग पर हुई गोलीबारी जैसी घटनाओं में उसके गिरोह का हाथ बताया जाता है।

24 जून 2024 को, हरियाणा के हिसार में एक महिंद्रा कार डीलरशिप के बाहर तीन नकाबपोश हमलावरों ने गोलियां चलाईं। एसटीएफ की जांच में इस घटना के पीछे खैरमपुरिया को सरगना के रूप में पहचाना गया। विदेश में रहने के बावजूद, उसने इस हमले का समन्वय किया और अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के माध्यम से जिम्मेदारी ली, जो उसके निरंतर सक्रिय होने का सबूत है।

23 जून को, करनाल में आव्रजन केंद्र वाले शख्स की गाड़ी पर बाइक सवार लोगों ने गोलीबारी की और ₹1 करोड़ की मांग की। वहीं, इससे पहले 5 जून को भी करनाल में एक और आव्रजन केंद्र के बाहर गोलीबारी हुई थी। उस वक्त भी ₹1 करोड़ की फिरौती मांगी गई थी। उस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

खैरमपुरिया का आपराधिक रिकॉर्ड 

पुलिस के मुताबिक, खैरमपुरिया का अपराध रिकॉर्ड 2014 का है, जिसमें डकैती, लूटपाट, हत्या और अवैध हथियारों का कब्जा शामिल है। उन्होंने बताया कि उसे हनुमानगढ़ में एक हत्या के लिए 2018 में दोषी ठहराया गया था और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

पुलिस ने खुलासा किया कि खैरमपुरिया का गिरोह हरियाणा में व्यापारियों, दुकानदारों, उद्योगपतियों और बिल्डरों को उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बाहर गोली मारकर निशाना बनाता है। फिर गिरोह व्हाट्सएप मैसेज, कॉल और यहां तक ​​कि धमकाने वाले पत्र फेंककर रंगदारी की मांग करता था।

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