एग्जिट पोल के अनुसार हरियाणा में 10 साल बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी के संकेत

हरियाणा में 10 साल बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हो सकती है। कई एग्जिट पोल ने अपने अनुमान में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत हासिल करते दिखाया है। जेजेपी, आईएनएलडी जैसी क्षेत्रीय पार्टियां संघर्ष करती नजर आ रही हैं।

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एग्जिट पोल के अनुसार हरियाणा में 10 साल बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी के संकेत

एग्जिट पोल: हरियाणा में 10 साल बाद कांग्रेस की वापसी के आसार (फाइल फोटो- IANS)

नई दिल्ली: हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों के लिए शनिवार को हुए मतदान के अब नतीजों को इंतजार है। नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे। हालांकि मतदान खत्म होने के बाद आए ज्यादातर एग्जिट पोल में कांग्रेस को बढ़त दी गई है। इन बीच हरियाणा में जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी (आप) के लिए एग्जिट पोल बहुत उत्साहजनक नहीं है। हरियाणा में 90 सीटों पर 1031 उम्मीदवार मैदान में हैं।

हरियाणा में वोटिंग के बाद आए तमाम टीवी चैनलों के एग्जिट पोल में क्षेत्रीय पार्टियों को बड़ा नुकसान होने की संभावना जताई गई है। दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) पिछली बार 2019 में एक तरह से किंगमेकर बनकर उभरी थी। इस बार चौटाला ने चंद्रशेखर आजाद की पार्टी के साथ गठबंधन कर ताल ठोकी थी। हालांकि, कई एग्जिट पोल में इस गठबंधन का खाता खुलता भी नहीं दिख रहा है। ऐसे ही आईएनएलडी, बसपा और अकाली दल का गठबंधन भी संघर्ष करता नजर आ रहा है।

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- दैनिक भास्कर ने अपने एग्जिट पोल में हरियाणा में कांग्रेस को 44 से 54 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। वहीं, भाजपा को 15 से 29 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। आइएनएलडी को 1 से 5 सीटें मिल सकती हैं। जेजेपी और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी, कांशीराम (एएसपी) के गठबंधन का खाता खुलने पर संशय है। अधिकतम एक सीट मिल सकती है। यही हाल आम आदमी पार्टी का भी है। अन्य को 4 से 9 सीटें मिल सकती हैं।

- ध्रुव रिसर्च के एग्जिट पोल में भी कांग्रेस की सरकार बनने का अनुमान जताया गया है। इसके अनुसार कांग्रेस को राज्य में इस बार 50 से 64 सीटें मिल सकती हैं। भाजपा के खाते में 22 से 32 सीटें जा सकती हैं। वहीं, जेजेपी गठबंधन, आप या आईएनएलडी का खाता नहीं खुलेगा।

- पीपल्स पल्स (People Pulse) ने अपने एग्जिट पोल में कांग्रेस को 49 से 61 सीटें दी है। भाजपा के खाते में 20 से 32 सीटें आने की उम्मीद होगी। आइएनएलडी, बहुजन समाज पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के गठबंधन को 2-3 सीटें मिलने की उम्मीद है।

- रिपब्लिक भारत ने अपने एग्जिट पोल में कांग्रेस को 55 से 62 सीटें दी हैं। भाजपा को 18 से 24 और INLD गठबंधन को तीन से छह सीटें मिल सकती हैं। जजेपी और एएसपी को भी तीन सीटें मिल सकती हैं। अन्य को 2 से 5 सीटें दी गई है।

- इंडिया टुडे-सी वोटर ने भी अपने एग्जिट पोल में कांग्रेस को 50 से 58 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। भाजपा 20 से 28 सीटों के बीच सिमट सकती है। अन्य को 10 से 14 और जेजेपी-एएसपी गठबंधन को अधिकतम दो सीटें मिलने का अनुमान है।

- रिब्लिक टीवी-पी-मार्क के एग्जिट पोल में कांग्रेस को 51 से 61 सीटें दी गई हैं। भाजपा के खाते में 27 से 35 सीटें मिल सकती हैं। आइएनएलडी वाले गठबंधन को तीन से छह सीटें इस एग्जिट पोल में दी गई हैं।

कांग्रेस सत्ता में आई तो सीएम पद किसे?

हरियाणा में कांग्रेस की वापसी की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर भी अटकलें शुरू हो गई हैं। कांग्रेस में चुनाव से पहले ही सीएम पद को लेकर खींचतान दिख रही थी। अब नतीजें अगर कांग्रेस के पक्ष में आ रहे हैं, जाहिर है ये खींचतान अब खुल कर भी सामने आ सकती हैं। बहरहाल, आइए एक नजर संभावित सीएम चेहरों पर डालते हैं।

1. भूपिंदर सिंह हुड्डा: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 2005-2014 तक सीएम रहे हैं। ये राज्य में सबसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में से एक हैं। 77 वर्षीय हुड्डा ने चुनाव के दौरान कहा था कि वह अभी रिटायर नहीं हुए हैं।

2. कुमारी शैलजा: सिरसा से सांसद शैलजा भी सीएम पद के प्रमुख दावेदार के रूप में देखी जा रही है। हुड्डा खेमे से इनकी खटपट दिखती रही है। 62 साल की कुमारी प्रमुख दलित चेहरा होने के अलावा गांधी परिवार की भी करीबी मानी जाती हैं।

3. दीपेंद्र सिंह हुडा: कांग्रेस हलकों में यह भी चर्चा है कि अगर सीनियर हुडा सीएम की दौड़ से बाहर हो जाते हैं, तो उनके बेटे और रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुडा सीएम की कुर्सी के लिए 'दावेदार' के तौर पर उभर सकते हैं।

4. रणदीप सिंह सुरजेवाला: 57 साल की उम्र और राज्यसभा सांसद सुरजेवाला सीएम की दौड़ में कितना आगे हैं, ये कहना अभी मुश्किल है। दिलचस्प बात ये है कि शनिवार को अपने गृह क्षेत्र कैथल में वोट डालने के बाद उन्होंने कहा, 'सीएम बनने की महत्वाकांक्षा रखना गलत नहीं है। हम सीएम चेहरे के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा लिए गए निर्णय को स्वीकार करेंगे।'

5. उदय भान: ये हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्य कांग्रेस प्रमुख और दलित नेता उदय भान भी सीएम पद के दावेदारों में से एक हैं। सूत्रों के अनुसार दिल्ली में एआईसीसी नेताओं के साथ एक बैठक में भान ने स्पष्ट संदेश दिया कि अगर पार्टी किसी दलित चेहरे को सीएम के रूप में नामित करना चाहती है, वे भी दौड़ में शामिल रहेंगे।

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