चंडीगढ़: इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा की है। हरियाणा में चुनाव साल के आखिर में अक्टूबर में होने की संभावना है। इस गठबंधन के तहत हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए अभय सिंह चौटाला को गठबंधन के सीएम चेहरे के रूप में पेश किया गया है।

गठबंधन के अनुसार 90 सदस्यों वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में इनेलो 53 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, बसपा 37 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। मौजूदा हरियाणा विधानसभा में बसपा का कोई विधायक नहीं है। वहीं, इनेलो के पास अभय चौटाला के रूप में एकमात्र विधायक है।

'आम आदमी पार्टी से भी करेंगे बात'

बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद और इनेलो के अभय चौटाला ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस गठबंधन की घोषणा की। अभय चौटाला ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'जरूरत पड़ने पर हम गठबंधन के लिए 'आप' (आम आदमी पार्टी) से भी बात कर सकते हैं। अन्य दलों से बातचीत के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। अगर नई पार्टियां हमसे हाथ मिलाती हैं तो इनेलो अपने कोटे की सीटों में से सीटें साझा करेगी।'

गौरतलब है कि हाल ही में लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती और अभय चौटाला के बीच हुई बैठक हुई थी। इसके बाद अब इनेलो-बसपा गठबंधन की घोषणा की गई है।

गठबंधन की घोषणा और लोकलुभावन वादे

इस मौके पर चौटाला ने घरेलू उद्देश्यों के लिए मुफ्त पेयजल और घरेलू बिजली बिलों पर छूट की भी घोषणा की। चौटाला ने सरकार बनने पर वरिष्ठ नागरिकों को 7,500 रुपये मासिक वृद्धावस्था पेंशन देने की भी घोषणा की।

चौटाला ने यह भी कहा कि सरकार बनने पर हर घर को मुफ्त एलपीजी गैस सिलेंडर दिया जाएगा और हर महीने रसोई के लिए 1,100 रुपये दिए जाएंगे। इनेलो नेता के अनुसार बेरोजगार युवाओं को हर महीने बेरोजगारी भत्ते के रूप में 2,100 रुपये भी दिए जाएंगे। साथ ही अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के गरीबों को 100 वर्ग फुट के भूखंड भी दिए जाएंगे। चौटाला ने कहा कि गठबंधन के सत्ता के लिए चुने जाने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में इन फैसलों को लागू कर दिया जाएगा।

लोकसभा में खराब रहा था दोनों पार्टियों का प्रदर्शन

हाल में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो दोनों पार्टियों- इनेलो और बसपा का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। हरियाणा में इनेलो को 1.74 प्रतिशत और बसपा को केवल 1.28 प्रतिशत वोट शेयर मिले थे। इनकी सभी सीटों पर जमानत तक जब्त हो गई थी। हरियाणा में इनेलो ने सात सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। दूसरी ओर बसपा ने हरियाणा के 10 संसदीय क्षेत्रों में से नौ लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। हालांकि, दोनों पार्टियों का मत है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलग-अलग होते हैं। ऐसे में लोकसभा की नाकामी को विधानसभा चुनाव से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए। दोनों पार्टियों के नेताओं ने विधानसभा चुनाव में बेहतर नतीजों की उम्मीद जताई है।

तीसरी बार बसपा और इनेलो साथ-साथ

यह तीसरी बार है जब बसपा और इनेलो ने हरियाणा में चुनावी गठबंधन किया है। इससे पहले अप्रैल 2018 में दोनों पार्टियों ने एक गठबंधन की घोषणा की थी। हालांकि जनवरी 2019 में यह गठबंधन टूट गया था। वहीं, 1998 के लोकसभा चुनावों में भी दोनों पार्टियों का गठबंधन हुआ था। इनेलो ने तब सात सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि तीन सीटें बसपा के लिए छोड़ी थी। बसपा उस साल एक सीट जीत सकी थी जबकि इनेलो ने चार लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाया था।

मायावती ने क्या कहा?

बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि दोनों पार्टियां हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक साथ लड़ेंगे और वहां की जनविरोधी पार्टियों को हराएंगे। बसपा मुखिया मायावती ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, 'बहुजन समाज पार्टी व इण्डियन नेशनल लोकदल मिलकर हरियाणा में होने वाले विधानसभा आम चुनाव में वहां की जनविरोधी पार्टियों को हराकर अपने नये गठबंधन की सरकार बनाने के संकल्प के साथ लड़ेंगे, जिसकी घोषणा मेरे पूरे आशीर्वाद के साथ आज चंडीगढ़ में संयुक्त प्रेस वार्ता में की गयी।'

उन्होंने आगे लिखा कि इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला तथा बीएसपी के आनन्द कुमार, नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनन्द व पार्टी के राज्य प्रभारी रणधीर बेनीवाल की आज हुई प्रेसवार्ता से पहले दोनों पार्टियों के बीच नई दिल्ली में मेरे निवास पर गठबंधन को लेकर सफल वार्ता हुई थी।