चंडीगढ़: कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की ओर से हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी से गठबंधन के संकेत ने पार्टी में मतभेद पैदा कर दिया है। खासकर हरियाणा कांग्रेस में एक धड़ा इससे खुश नहीं है। सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गुट इस प्रस्ताव का विरोध कर रहा है। सूत्रों के अनुसार यह नाराजगी इस हद तक है कि हुड्डा पार्टी की एक मीटिंग को बीच में छोड़ कर बाहर आ गए।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) नेतृत्व द्वारा पार्टी के कुछ मौजूदा विधायकों को टिकट न देने की जिद ने भी हुड्डा खेमे को नाराज कर दिया है। वर्तमान में हरियाणा के 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 28 विधायक हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार पहले यह कहा गया था कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने हरियाणा चुनाव के लिए अधिकांश मौजूदा पार्टी विधायकों के टिकटों को मंजूरी दे दी है, अब ये बात सामने आ रही है कि इनमें से कुछ नामों को अभी ‘होल्ड पर रखा गया’ है।
हुड्डा खेमे के विधायकों के नाम पर संशय!
सूत्रों के अनुसार ऐसे विधायक जिनके टिकट को रोका गया है, उनमें समालखा से धर्म सिंह छोकर, सोनीपत से सुरेंद्र पनवार और महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह शामिल हैं। ये सभी हुड्डा के करीबी बताए जाते हैं। साथ ही ये सभी ईडी से कुछ मामलों में जांच का सामना भी कर रहे हैं। धर्म सिंह छोकर के बेटे सिकंदर सिंह को मई में गिरफ्तार भी किया गया था। वहीं पनवार को जुलाई में गिरफ्तार किया गया था। राव दान सिंह के परिसर पर भी जुलाई में ईडी ने छापा मारा था।
कांग्रेस नेतृत्व की टिकटों को लेकर ‘पुनर्विचार’ की वजह से पार्टी को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने में देरी हुई है। जबकि ऐसी खबरें हैं कि सीईसी ने इस सप्ताह के शुरू में लगभग 66 नामों को मंजूरी दे दी थी।
कांग्रेस ने लगभग दो दर्जन सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर निर्णय लेने के अलावा ‘आप’ के साथ सीट बंटवारे के फॉर्मूले को तैयार करने के लिए एक उप-समिति का भी गठन किया है। इस समिति ने हाल में राज्य के वरिष्ठ पार्टी सांसदों से मुलाकात भी की है, जिनमें कुमारी शैलजा और भूपेंद्र सिंह हुडा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुडा शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि सिर्फ हुड्डा ही नहीं, बल्कि राज्य के अन्य वरिष्ठ नेता भी ‘आप’ के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं।
‘आप’ से गठबंधन के सवाल पर हुड्डा क्यों नाराज?
‘आप’ से गठबंधन की कोशिशों पर हुड्डा विशेष रूप से ‘नाखुश’ बताए जा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ‘आप’ जिन सीटों की मांग कर रही है उनमें वे सीटें भी शामिल हैं जहां हुड्डा के करीबी उम्मीदवार बन सकते हैं। इन सीटों में पेहोवा, कलायत और जींद शामिल हैं।
वहीं, सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी चाहते हैं कि कांग्रेस INDIA ब्लॉक के एक होने का संदेश देने के लिए ‘आप’ के साथ सीट बंटवारे की योजना के साथ चुनाव लड़े। हालांकि, राज्य के कई कांग्रेस नेता ऐसा नहीं चाह रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि हुड्डा और उनके करीबी माने जाने वाले राज्य कांग्रेस प्रमुख उदय भान, ‘आप’ के साथ पार्टी के सीट बंटवारे के प्रस्ताव पर बुधवार को पार्टी की बैठक से बाहर चले गए। हरियाणा के प्रभारी एआईसीसी महासचिव दीपक बाबरिया ने हस्तक्षेप करने की भी कोशिश की, लेकिन उनकी नाराजगी दूर नहीं कर सके।
सूत्रों के मुताबिक एआईसीसी नेतृत्व अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ भी एक या दो सीटें साझा करने पर जोर दे रहा है। हालांकि, हुड्डा और भान ने ‘आप’ और सपा दोनों के मामलों में हाईकमान के प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई है।
सूत्रों के अनुसार एआईसीसी नेतृत्व दिल्ली में ‘आप’ के साथ इसी तरह का सीट शेयरिंग चाहता है। यही वजह है कि वह हरियाणा में पार्टी के ‘आप’ के साथ सीट-बंटवारे पर जोर दे रहा है। इससे पहले बाबरिया ने बुधवार को कहा था, ‘आप के साथ सीट बंटवारे पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।’ उन्होंने हालांकि सीटों की संख्या को लेकर खुलासा नहीं किया था लेकिन यह जरूर कहा था कि यह संख्या बहुत कम और सिंगल डिजिट में होगी। बताया जा रहा है कि ‘आप’ ने 10 सीटों की मांग रखी है लेकिन कांग्रेस चार या पांच सीट से ज्यादा देने के पक्ष में नहीं है।
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