भारत की आधी व्यस्क आबादी है 'अनफिट', 57 फीसदी महिलाएं करती है कम शारीरिक गतिविधियां, अध्ययन में खुलासा

स्टडी में यह भी खुलासा हुआ है कि भारत के मुकाबले इसके पड़ोसी देश बांग्लादेश, भूटान और नेपाल की महिलाएं शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय पाई गई हैं।

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Half of India adult population unfit 57 percent women do less physical activities Lancet Global Health study reveals who

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: हाल के एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि भारत की आधी वयस्क आबादी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित पर्याप्त शारीरिक गतिविधि के स्तर को पूरा नहीं कर रही हैं।

आम भाषा में अगर इसे समझा जाए तो आधे से ज्यादा भारतीय वयस्क फिजिकली एक्टिव नहीं है। लैंसेट ग्लोबल हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जहां 2000 में अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि वाले वयस्कों की प्रतिशत 22.3 फीसदी थी वह 2022 में बढ़कर 49.4 फीसदी हो गई है।

स्टडी में यह भी खुलासा हुआ है कि भारतीय पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा फिजिकल इनेक्टिव पाई गई हैं। पुरुष जहां 42 फीसदी कम सक्रिय पाए गए हैं वहीं 57 प्रतिशत महिलाएं कम काम करती और फिजिकली एक्टिव पाई गई हैं। भारत के मुकाबले इसके पड़ोसी देशों की महिलाएं को अधिक सक्रिय पाया गया है।

स्टडी में क्या खुलासा हुआ है

स्टडी के अनुसार, अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि के मामले में भारत दुनिया के 195 देशों में 12वें स्थान पर है। साल 2022 में पूरी दुनिया के लगभग एक तिहाई वयस्क (लगभग 1.8 बिलियन लोग- 180 करोड़) निर्धारित पर्याप्त शारीरिक गतिविधि के स्तर को पूरा नहीं कर पाए थे।

कम शारीरिक श्रम करने वाले वयस्कों की सबसे अधिक संख्या एशिया-प्रशांत क्षेत्र में है जहां पर अच्छा इनकम कमाने वाले 48 फीसदी लोग शारीरिक रूप से कम सक्रिय पाए गए हैं। दक्षिण एशिया में यह संख्या 45 फीसदी पाई गई है।

उच्च आय वाले पश्चिमी देशों में कम शारीरिक श्रम करने वाले वयस्कों की संख्या काफी कम है और यहां पर यह केवल 28 फीसदी ही है। ओशिनिया में यह प्रतिशत पश्चिमी देशों से भी कम है और यहां पर यह केवल 14 फीसदी ही है।

शोधकर्ताओं ने क्या चेतावनी दी है

शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर ये आंकड़े आगे भी ऐसे ही जारी रहें तो 2030 तक 59.9 फीसदी भारतीय वयस्क शारीरिक रूप से अनफिट हो सकते हैं। इस कारण इनमें कई तरह की बीमारियां भी हो सकती है।

जो लोग फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं उन में कार्डियोवस्कुलर डिजीज जैसे दिल का दौरा और स्ट्रोक आने का खतरा बना रहता है। यही नहीं इन में डायबिटीज 2, डिमेंशिया और कैंसर जैसी बीमारियों का भी जोखिम रहता है।

भारत के पड़ोसी देश की महिलाएं हैं ज्यादा एक्टिव

शोध में यह भी खुलासा हुआ है कि फिजिकल एक्टिविटी नहीं करने के कारण भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसी देशों की महिलाएं ज्यादा प्रभावित हुई है। शारीरिक गतिविधियों के स्तर में इन देशों की महिलाएं पुरुषों से 14 से 20 फीसदी पीछे हैं।

स्टडी में भारत के मुकाबले इसके पड़ोसी देशों की महिलाएं ज्यादा एक्टिव पाई गई हैं। बांग्लादेश, भूटान और नेपाल जैसे भारत के पड़ोसी देशों की महिलाएं अधिक सक्रिय पाई गई हैं।

क्या कहता है डब्ल्यूएचओ

शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए डब्ल्यूएचओ वयस्कों को एरोबिक गतिविधि या उसके बराबर की ज्यादा शारीरिक गतिविधियां करने की सलाह देता है। संगठन के अनुसार, वयस्कों को हर हफ्ते कम से कम 150 से 300 मिनट तक का एरोबिक गतिविधि या उसके बराबर की ज्यादा शारीरिक गतिविधि करना चाहिए ताकि वे फिजिकली फिट रह सकें।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, फिजिकल एक्टिविटी और शारीरिक गतिविधि तब होता है जब कुछ काम करने के लिए शरीर का इस्तेमाल किया जाता है और जिसे पूरा करने के लिए एनर्जी की जरूरत पड़ती है। दूसरे शब्दों में हमारे द्वारा किए गए किसी भी गतिविधि को फिजिकल एक्टिविटी कहते हैं।

फिजिकल एक्टिविटी में हर वो काम आता है जिसे लोग रोजमर्रा में करते हैं। डब्ल्यूएचओ लोगों को चलने, साइकल चलाने, खेल खेलने और अन्य गतिविधियों में शामिल होने की सलाह देता है।

प्रभावित हो सकता है ग्लोबल हेल्थकेयर सिस्टम

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि अगर घटती हुई फिजिकल एक्टिविटी पर सही समय पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह दिन दूर नहीं है जब ग्लोबल हेल्थकेयर सिस्टम पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

संगठन के अनुसार, इस कारण घटती हुई फिजिकल एक्टिविटी की वैश्विक लागत 2020 और 2030 के बीच 300 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है।

सबसे ज्यादा भारतीय हैं हाइपरटेंशन का शिकार-स्टडी

द लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-इंडिया डायबिटीज (आईसीएमआर-इंडआईएबी) के 2023 के एक अध्ययन में भारतीयों की डायबिटीज, हाइपरटेंशन और मोटापा की संख्या को लेकर खुलासा हुआ है।

स्टडी में यह बात सामने आई है कि 2021 में भारत में 101 मिलियन लोगों (10.1 करोड़) को डायबिटीज था। यही नहीं 315 मिलियन (31.5 करोड़) भारतीयों में हाइपरटेंशन और 254 मिलियन (25.4 करोड़) लोगों को मोटापे से पीड़ित होने का अनुमान लगाया गया था।

अध्ययन में 185 मिलियन (18.5 करोड़) भारतीयों में एलडीएल या 'खराब' कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर पाया गया था।

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