बेंगलुरुः हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल ने भारतीय वायुसेना को आश्वासित किया है कि वह जल्द ही तेजस एमके1 लड़ाकू विमानों की डिलीवरी शुरू करेगी। कंपनी ने कहा कि देरी कुछ तकनीकी खामियों के चलते हो रही थी। 

कंपनी की तरफ से यह आश्वासन उस वक्त दिया गया है जब वायु सेना प्रमुख ने एचएएल को लेकर बयान दिया था कि उन्हें एयरोस्पेस कंपनी पर कोई भरोसा नहीं है। इस विषय में कंपनी का कहना है कि डिलीवरी में देरी की वजह आलस नहीं था। 

83 तेजस विमानों का ऑर्डर

दरअसल, वायुसेना ने साल 2021 में 83 तेजस एमके1 विमानों का आर्डर दिया था जो वायु सेना की क्षमता को बढ़ाते हैं। बेंगलुरु में इस समय द्विवर्षीय एयरो इंडिया शो चल रहा है। इसी बीच वायु सेना की तरफ से असंतोष व्यक्त किया गया था। 

बेंगुलुरु में चल रहे शो के बीच वायु सेना प्रमुख ने एक विमान का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने कथित तौर पर एचएएल के अधिकारियों से कहा था कि उन्हें कंपनी पर 'कोई भरोसा नहीं' है। 

इस बाबत एचएएल के चेयरमैन और एमडी डीके सुनील ने कहा है कि देरी की वजह कोई आलस्य नहीं था बल्कि इसके पीछे कुछ तकनीकी कारण हैं। फिलहाल इन समस्याओं को सुलझा लिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें "वायुसेना प्रमुख की समस्या समझ आती है।"

साल के अंत तक सौंपेंगे तीन विमान

एचएएल ने कहा है कि वे इस साल के अंत तक नासिक केंद्र से एक विमान और बेंगलुरु केंद्र से दो विमान सौंपेंगे। डीके सुनील ने आगे कहा कि वायु सेना को सभी 83 विमानों की डिलीवरी अगले साढ़े तीन साल में पूरी होने की उम्मीद है। 

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, वायु सेना अभी भी साल 2010 में ऑर्डर किए गए 40 तेजस एमके1 जेट में चार विमानों की डिलीवरी का इंतजार कर रही है। 

एचएएल प्रमुख ने कहा कि कंपनी को अमेरिका इस साल 12 GE-404 इंजन देने को तैयार है। इसके अलावा GE-414 इंजन के सौदे पर भी चर्चा चल रही है। सुनील ने यह भी कहा कि पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे के बाद डिलीवरी में तेजी आने की संभावना है।