गुहावाटी: असम के गुहावाटी विश्वविद्यालय में “मार्कशीट घोटाले” से संबधित एक खबर सामने आई है। आरोप है कि विश्वविद्यालय के कंप्यूटर से निकाली गई मार्कशीट में छात्रों के नंबर बढ़ाए गए हैं और इसके लिए उनसे पैसे भी लिए गए हैं।
इस मामले में मुख्य आरोपी समेत अभी तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के तहत आरोप लगे हैं।
सीएम ने किया है खुलासा
इस घोटाले की जानकारी सबसे पहले मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दी है। मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा कि बारपेटा जिले से छह से सात ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें पैसों के बदले छात्रों के नंबर बढ़ाए गए हैं।
बातचीत के दौरान सीएम ने विश्वविद्यालय की कमजोर कंप्यूटर सिस्टम का भी जिक्र किया है और कहा है कि यह सिस्टम इतना कमजोर है कि इसका फायदा उठाकर एक जूनियर कंप्यूटर ऑपरेटर भी छात्रों के अंकों में हेरफेर कर सकता है।
पुलिस और सीआईडी कर रही है जांच
सरमा ने इस घोटाले को लेकर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इस तरह की घटना राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में भी हो सकती है। उन्होंने मामले की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा है कि इसके खिलाफ सही से जांच की जा रही है।
पुलिस ने गुवाहाटी, बारपेटा और धुबरी से गिरफ्तारी की है। मामले में असम पुलिस और अपराध जांच विभाग (सीआईडी) संयुक्त जांच कर रहे हैं।
कैसे यह घोटाला आया है सामने
इस घोटाले की सबसे पहले जानकारी तब मिली जब बारपेटा के गणेशलाल चौधरी कॉलेज के एक टीचर ने एक छात्र के नंबर में गड़बड़ी पाई थी। रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि गुहावाटी विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों ने छात्रों से पैसे लेकर उनके अंक बढ़ाए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, गणेशलाल चौधरी कॉलेज के टीचर ने पाया कि छठे सेमेस्टर में ग्रेजुएशन कर रहे छात्र अजीजुल हक को विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा पैसों के बदले में नंबर बढ़ाकर दिए गए हैं।
कुछ सेमेस्टर में नंबर बढ़ाने के लिए छात्र ने दिए हैं 10 हजार रुपए-दावा
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि टीचर द्वारा मामले में आगे पूछताछ करने पर हक ने बताया कि उसने कुछ सेमेस्टर की परीक्षा में ज्यादा नंबर के लिए 10 हजार का भुगतान किया है। टीचर का दावा है कि हक ने शुरू में पैसे देकर नंबर बढ़ाने की बात को कबूला था लेकिन बाद में वह पैसे देने के बात से इनकार कर दिया था।