अहमदाबाद : गुजरात के गंभीरा पुल हादसे में बीते 27 दिनों से लटक रहे रासायनिक टैंकर को आखिरकार हटाया गया। यह टैंकर इस हादसे में घायल हुए एक व्यक्ति मौत के बाद हटाया गया है। ऐसे में इस घटना में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 22 हो गई।

इस हादसे के बाद पोरबंदर की निजी आपातकालीन इकाई ने इस घटना के बाद बचाव और राहत कार्य शुरू किया था। यह घटना 9 जुलाई को हुई थी। इस दौरान पुल टूट गया था जिससे कई यात्री और वाहन नीचे नदी में गिर गए थे। 

21 लोग मारे गए थे

गंभीरा पुल हादसे में 21 लोग मारे गए थे, वहीं दिलीप पढ़ियार गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। 

घटना के बाद से ही पुल पर रासायनिक टैंकर लटका हुआ था। इस जोखिम भरे अभियान को रिस्पांस टीम ने जिला अधिकारियों और इंजीनियरिंग विशेषज्ञों के साथ मिलकर अंजाम दिया। 

टैंकर को स्थिर करने के लिए पुल के टूटे हुए हिस्से और टैंकर बॉडी के बीच में एयर लिफ्टिंग रोलर कैप्सूल डाले गए। इसके बाद इन टैंकर में हवा भरी गई। इसके बाद क्रेनों की सहायता ली गई। 

अभियान में शामिल थे 70 कर्मी

कंपनी के मुताबिक, इस अभियान में करीब 70 बचाव कर्मी शामिल थे। इनमें विशेष इंजीनियर भी शामिल थे।

इस घटना में 20 लोग घटनास्थल पर मारे गए थे। वहीं, दो घायल नरेंद्रभाई परमार और दिलीप पढियार की इलाज के दौरान मौत हो गई जबकि एक व्यक्ति अभी भी लापता है। 

इस गंभीर घटना को लेकर अब सरकार से सवाल पूछे जा रहे हैं। हादसे की जवाबदेही सुनिश्चित करने की बात की जा रही है। यह भी सुनिश्चित करने की मांग की जा रही है कि ऐसी घटना न हो। जिसमें निर्दोष लोग मारे गए हैं। 

यह हादसा इंजीनियरों के साथ-साथ मानवीय क्षति को भी उजागर करती है।