अहमदाबादः गुजरात में कई दिनों से हो रही बारिश के बाद बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। सूबे के18 जिले पानी में डूबे हुए हैं। राज्य में बारिश से मरने वालो की संख्या अब तक 32 हो गई है। राज्य की कई नदियाँ और जलाशय उफान पर हैं और अजवा जलाशय और प्रतापपुरा जलाशयों से पानी विश्वामित्री नदी में छोड़ा गया है, जिससे कई निचले इलाके पानी में डूब गए हैं। वहीं 600 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई हैं और करीब 5 पुल भी ढह गए हैं।

अब तक 35 की मौत, 32,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया, 1200 का हुआ रेस्क्यू

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, गुजरात में बारिश से संबंधित घटनाओं में 35 लोगों की जान चली गई है। वहीं समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बुधवार बाढ़ की वजह से 9 लोगों की मौत हो गई। राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 32,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है और लगभग 1,200 लोगों को बचाया गया है भारी बारिश के कारण यातायात ठप हो गया है। लगातार बारिश से बाढ़ के भयानक हालात बन गए हैं। इसके कई वीडियो सामने आ रहे हैं।


मीडिया रिपोर्टों की मानेंं तो कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति इतनी भयावह है कि एक मंजिला घर पूरी तरह से जल समाधि ले चुके हैं। नदी और मैदानी इलाके एक से नजर आने लगे हैं। नदियों के मगरमच्छ रिहायशी इलाकों में घुस गए हैं। वडोदरा के अकोटा स्टेडियम इलाके में भारी बारिश के कारण छत पर मगरमच्छ दिखाई दे रहे हैं। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर देखा गया।

140 जलाशय, बांध, और 24 नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य में 140 जलाशय और बांध, और 24 नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बारिश ने राज्य में यातायात, ट्रेन सेवाओं और उड़ान संचालन को बाधित कर दिया है। सबसे अधिक प्रभावित जिलों में राजकोट, आनंद, महीसागर, खेड़ा, अहमदाबाद, मोरबी, जूनागढ़ और भरूच शामिल हैं।

गुजरात के जामनगर में भी बाढ़ ने कहर बरपा रखा है। इलाके से सामने आए वीडियो में देखा गया कि कई इलाकों में घरों में पानी घुस गया है। कई घरों में जलभराव हो गया है। बाढ़ का पानी निचली मंजिल के बेड के लेवल तक पहुंच गया है। कई जगहों पर सड़कें भी डूब गई हैं। सड़कों पर खड़ी गाड़ियां आधी डूब गई हैं।

बह गई पुलिस चौकी

जामनगर में एसटी बस स्टैंड भी डूब गया है। वहां खड़ी बसें आधी से ज्यादा डूब गई हैं। शहर में हाईवे पर एक टोल प्लाजा भी डूब गया है। इसकी वजह से एक शहर से दूसरे शहर जाने का रास्ता पूरी तरह से ठप हो गया है। एक वीडियो में एक पुलिस चौकी बहता हुआ दिखाई दिया।

वीडियो में लोग पुलिस चौकी के डूबने की बात कह रहे हैं। देखा जा सकता है कि सड़क किनारे खड़ी पुलिस चौकी पानी के तेज बहाव के कारण एक जगह से दूसरी जगह बहकर जा रहा है। उस जगह पर इतना पानी है कि एक खड़ी कार लगभग पानी में डूबती हुई नजर आ रही है।

600 से ज्यादा सड़कें बंद

दिव्य भास्कर के मुताबिक, भारी बारिश के कारण राज्य में 600 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई हैं। मानसून सीजन के दौरान राज्य में करीब 5 पुल ढह गए हैं। मंगलवार 27 अगस्त को सुरेंद्रनगर जिले में भोगावो नदी पर बना एक छोटा पुल बाढ़ में ढह गया। करीब 100 मीटर लंबा यह पुल 5 साल पहले ही बना था। यह पुल हबियासर गांव को चोटिला शहर से जोड़ता था। बताया गया कि पुल की नींव गहरी नहीं थी। छोटाउदेयपुर जिला का शिहोद पुल भी बीच से दो टुकड़ों में बंट गया।

दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ओर जाने वाली सड़क भी धंस गई। इसका ठेका वडोदरा के श्याम कंस्ट्रक्शन को दिया गया था। कुल 19 किलोमीटर लंबी सड़क के करीब 200 मीटर क्षेत्र में यह स्थिति बनी। बुधवार को सड़क का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।

रेस्क्यू में लगी सेना 

भारतीय सेना की टुकड़ियां गुजरात में बाढ़ राहत अभियान जारी रखे हुए हैं। सेना ने एक अपडेट में बताया कि उन्होंने गुजरात में चल रहे राहत कार्यों में मदद के लिए तेजी से अपने संसाधनों को जुटाया है। भारतीय सेना की छह इकाइयाँ सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य कर रही हैं और त्वरित मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रदान कर रही हैं।

350 सफाई कर्मचारियों की एक टीम बडोदरा पहुंची

रिपोर्टों के मुताबिक, सूरत से 350 सफाई कर्मचारियों की एक टीम बाढ़ के बाद प्रभावित क्षेत्रों की सफाई के लिए वडोदरा पहुंची। सूरत नगर निगम के प्रभारी कार्यकारी अभियंता महेश राठौड़ ने एएनआई को बताया कि, "हम पिछले 2 दिनों से यहां काम कर रहे हैं। हमारे यहां 350 सफाई कर्मचारी हैं। हम प्रभावित क्षेत्रों से गंदगी साफ करते हैं। जब हम यहां आए, तो हमने यह पता लगाने के लिए सर्वेक्षण किया कि काम कहां से शुरू किया जाए।

48 साल बाद चक्रवाती तूफान बन रहा, चेतावनी

अरब सागर में 48 साल बाद अगस्त में चक्रवाती तूफान बन रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक गुजरात के करीब अरब सागर में यह तूफान अगले 12 घंटे में (शुक्रवार को) देखने को मिल सकता है। तूफान के कारण सौराष्ट्र-कच्छ में 65-75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है।

मौसम विभाग के अनुसार, जब यह चक्रवाती तूफान में विकसित होगा तो इसे 'तूफान असना' नाम दिया जाएगा, जो पाकिस्तान द्वारा प्रस्तावित नाम है। यह 1976 के बाद पहली बार होगा जब अगस्त में अरब सागर पर कोई चक्रवाती तूफान बनेगा।

मौसम विभाग ने कहा कि तटीय राज्य में आज मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, आईएमडी ने शुक्रवार को गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। शुक्रवार के लिए जामनगर, पोरबंदर, और द्वारका जैसे जिलों के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। वहीं राजकोट और कच्छ में स्कूल बंद कर दिए गए हैं।

सीएम भूपेंद्र पटेल से फोन पर पीएम मोदी ने की थी बात

इस बीच केंद्र सरकार द्वारा आश्वासन मिलने से राहत कार्यों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता और समर्थन से राज्य की मुश्किल घड़ी में काफी उम्मीदें बंधी हैं। बुधवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बातचीत की थी और राज्य में बाढ़ के हालात पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों के लिए हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।

भूपेंद्र पटेल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि "माननीय प्रधानमंत्री लगातार गुजरात की चिंताजनक स्थिति पर ध्यान दे रहे हैं। उनके दिल में गुजरात के लोगों के प्रति गहरा स्नेह है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान और जब भी जरूरत होती है, वे हमेशा गुजरात और गुजरात के लोगों के साथ खड़े रहते हैं, गर्मजोशी और अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।"

भारी बारिश के बाद राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए सीएम भूपेंद्रभाई पटेल ने मंगलवार को गांधीनगर में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) से जिला कलेक्टरों और नगर निगम आयुक्तों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की। एसईओसी में परिचालन की देखरेख कर रहे राज्य राहत आयुक्त आलोक पांडे ने स्थिति के प्रबंधन के संबंध में जिला कलेक्टरों और निगम आयुक्तों को निर्देश जारी किए।