घरेलू LPG बिक्री में हुए घाटे की भरपाई के लिए कैबिनेट ने तेल कंपनियों को ₹30,000 करोड़ के मुआवजे को मंजूरी दी

कैबिनेट नोट में बताया गया कि वित्त वर्ष 2024-25 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी के दाम ऊँचे स्तर पर बने रहे और अभी भी ऊँचे हैं। लेकिन उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय कीमतों के उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए, कंपनियों ने लागत बढ़ने का बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला।

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यह मुआवजा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा 12 किस्तों में वितरित किया जाएगा।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू एलपीजी सिलेंडर की बिक्री में हुए नुकसान की भरपाई के लिए तीन सरकारी तेल विपणन कंपनियों (IOCL, BPCL और HPCL) को ₹30,000 करोड़ का मुआवजा देने की मंजूरी दे दी है। यह मुआवजा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा 12 किस्तों में वितरित किया जाएगा।

मंत्रिमंडल की एक विज्ञप्ति के अनुसार, 2024-25 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतें बहुत अधिक रहीं। हालांकि, आम उपभोक्ताओं को इन कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए, तेल कंपनियों ने बढ़ी हुई लागत का बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला। इसके कारण इन तीनों कंपनियों को भारी घाटा हुआ। 

यह मुआवजा तेल कंपनियों को कच्चे तेल और एलपीजी की खरीद, कर्ज चुकाने और पूंजीगत व्यय जैसी अपनी जरूरी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा। इससे पूरे देश के घरों में एलपीजी सिलेंडरों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

विज्ञप्ति में कहा गया कि सरकार का यह कदम सभी घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं तक, खासकर प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) जैसी प्रमुख योजनाओं के लाभार्थियों तक स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन पहुंचाने के उद्देश्य को और मजबूत करता है।

मई 2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लक्ष्य गरीब परिवारों की 8 करोड़ महिलाओं को बिना जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना था, जिसे सितंबर 2019 तक हासिल कर लिया गया था। 1 जुलाई तक, इस योजना के तहत देश भर में 10.33 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं।

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