मुंबई: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढह जाने पर मामला दर्ज हुआ है। प्रतिमा के उद्घाटन के ठीक आठ महीने बाद इस तरह से मूर्ति के गिर जाने को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की शिकायत के आधार पर ठेकेदार जयदीप आप्टे और संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल पर मामला दर्ज किया गया है।

प्रतिमा के खराब हालत को लेकर स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों ने पहले ही चेतावनी दी थी लेकिन इसे लेकर कोई भी एक्शन नहीं लिया गया था। पीएम मोदी ने पिछले साल मूर्ति का उद्घाटन किया था।

घटना पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का भी बयान सामने आया है और उन्होंने इसके लिए तेज हवा को जिम्मेदार ठहराया है। उधर विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेर रही है।

पीडब्ल्यूडी ने क्या दावा किया है

घटना को लेकर पीडब्ल्यूडी ने दावा किया है कि प्रतिमा को बनाने के लिए खराब क्वालिटी के सामान को इस्तेमाल किया गया है। दावा यह भी है कि इसे बनाने में इस्तेमाल किए गए नट और बोल्ट में जंग लगे हुए थे।

सिंधुदुर्ग के संरक्षक मंत्री रवींद्र चव्हाण ने कहा है कि प्रतिमा में इस्तेमाल किए गए स्टील में जंग लगना शुरू हो गया था। चव्हाण ने आगे कहा है कि इस सिलसिले में पीडब्ल्यूडी ने नौसेना के अधिकारियों को सूचित भी किया था लेकिन समय रहते हुए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए थे।

बीएनएस की कई धाराओं के तहत मामला हुआ दर्ज

इससे पहले स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों द्वारा चेतावनी दिए जाने के बाद भी 20 अगस्त को पीडब्ल्यूडी के मालवन डिवीजन के सहायक अभियंता को भी इस बारे में अलर्ट किया गया था।

मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं के तहत मिलीभगत, धोखाधड़ी और सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने बताया है कि 35 फीट ऊंची स्टील की मूर्ति दोपहर के करीब एक बजे गिर गई थी।

पीडब्ल्यूडी ने पहली ही दी थी जानकारी

पीडब्ल्यूडी ने कहा है कि क्षेत्रीय तटीय सुरक्षा अधिकारी को 20 अगस्त को जानकारी दी गई थी और बताया गया था प्रतिमा की क्या स्थिति है।

राज्य लोक निर्माण विभाग ने कहा था कि मूर्तिकार जयदीप आपटे द्वारा जून में मरम्मत के बावजूद स्थानीय ग्राम पंचायत और पर्यटकों ने शिकायत की थी कि प्रतिमा जर्जर दिख रही है। विभाग का आरोप है कि उनके अलर्ट के बावजूद कोई भी एक्शन नहीं लिया गया था।

कब हुआ था प्रतिमा का उद्घाटन

आठ सितंबर 2023 को प्रतिमा का निर्माण शुरु किया गया था। इसके निर्माण का जिम्मा भारतीय नौसेना को दिया गया था जिसे प्रतिमा निर्माण का कोई भी अनुभव नहीं था। नौसेना दिवस के मौके पर चार दिसंबर 2023 को राजकोट किले में प्रतिमा का अनावरण किया गया था। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी ने की थी।

एकनाथ शिंदे ने क्या कहा

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस घटना को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताया है और आश्वासन दिया कि प्रतिमा को फिर से स्थापित किया जाएगा। एकनाथ शिंदे के अनुसार, तेज हवा के कारण प्रतिमा ढह गया है।

सीएम ने आगे कहा है कि घटना के समय 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही थी जिससे यह हादसा हुआ है। हालांकि विपक्ष ने प्रतिमा के निर्माण और रखरखाव में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सरकार की आलोचना की है।

विपक्ष ने क्या कहा है

कोल्हापुर के छत्रपति संभाजीराजे ने मूर्ति के निर्माण की आलोचना की है और कहा है कि इसे जल्दीबाजी में बनाया गया है। असदुद्दीन ओवैसी और जयंत पाटिल जैसे विपक्षी नेताओं ने सरकार पर मूर्ति की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के बजाय उद्घाटन कार्यक्रम की भव्यता पर ध्यान केंद्रित करने का आरोप लगाया है।

असदुद्दीन ओवैसी ने मूर्ति के ढह जाने को मोदी सरकार के तहत खराब गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे को जिम्मेदार ठहराया है।