बरेली: गूगल मैप्स ब्रिज हादसे में टेक कंपनी ने पुलिस जांच में सहयोग की घोषणा की

बदायूं की जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी और सेतु निगम को क्षेत्र की सभी सड़कों और पुलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है।

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Google Maps under investigation in connection with death of 3 people Bareilly Bridge accident tech company announces cooperation with authorities

बरेली गूगल मैप्स ब्रिज हादसे में टेक कंपनी ने पुलिस जांच में सहयोग की घोषणा की (फोटो-सोशल मीडिया / IANS)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बदायूं में गूगल मैप्स के कथित इस्तेमाल के कारण तीन लोगों की मौत के सिलसिले में चल रही जांच में गूगल ने सहयोग की घोषणा की है। रविवार को एक गाड़ी में सवार हो कर तीन लोग एक शादी समारोह में हिस्सा लेने के लिए जा रहे थे।

पुलिस के अनुसार, यात्रियों ने रूट की जानकारी के लिए गूगस मैप्स का इस्तेमाल किया था और वे इस हिसाब से गाड़ी चला कर जा रहे थे। सफर के दौरान उनकी कार एक निर्माणाधीन पुल से नीचे गिए गई। दावा है कि पुल पर कोई साइन बोर्ड और रोड रोधक नहीं था।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मामले में पुलिस ने गूगल मैप्स के एक प्रतिनिधि और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों से पूछताछ की। स्थानीय पुलिस ने बताया कि पुल इसी साल बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया था और इसकी मरम्मत की जा रही थी।

यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना घटी है। इससे पहले पिछले साल केरल में दो डॉक्टरों की गूगल मैप्स के इस्केमाल के कारण उनकी कार पेरियार नदी में गिर गई थी जिससे उनकी मौत हो गई थी।

स्थानीय गूगल मैप्स प्रतिनिधि भी है जांच के दारे में

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को तीन लोग नोएडा से बरेली के फरीदपुर की यात्रा कर रहे थे। यात्रा के दौरान गूगल मैप्स ने ड्राइवर को दातागंज क्षेत्र के एक आंशिक रूप से निर्मित पुल की ओर जाने की निर्देश दिया था। पुल पार करते समय कार रामगंगा नदी में गिर गई जिससे तीन लोगों की मौत हो गई थी।

मरने वालों की पहचान 30 साल के नितिन और अजीत और 40 साल के अमित के रूप में हुई है। इस सिलसिले में दो सहायक इंजीनियरों, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के दो जूनियर इंजीनियरों और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय गूगल मैप्स प्रतिनिधि भी जांच के दायरे में है, हालांकि अभी तक एफआईआर में उसका नाम शामिल नहीं है।

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बदायूं की जिलाधिकारी ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दिया है निर्देश

फरीदपुर सर्कल अधिकारी आशुतोष शिवम ने बताया कि पुल का अगला हिस्सा इस साल की शुरुआत में बाढ़ के कारण ढह गया था, लेकिन इसके बावजूद नेविगेशन सिस्टम में यह अपडेट नहीं हुआ था और पुल को इस्तेमाल लायक बता रहा था।

बदायूं की जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी और सेतु निगम को क्षेत्र की सभी सड़कों और पुलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है।

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