अमृतसर: स्वर्ण मंदिर में शख्स ने लोहे के रॉड से किया लोगों पर हमला, 5 घायल

घायल लोगों में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के दो सेवादार भी शामिल हैं। घायलों में से एक को अमृतसर के श्री गुरु रामदास आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान में भर्ती कराया गया है।

Golden Temple

फाइल फोटो Photograph: (IANS)

नई दिल्ली: अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में एक शख्स द्वारा लोहे के रॉड से किए गए हमले में पांच लोग घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी है। समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार आरोपी हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है और स्थिति नियंत्रण में है।

सामने आई जानकारी के अनुसार सामुदायिक रसोई गुरु रामदास लंगर के पास शख्स ने लोगों पर हमला शुरू किया, जिसके बाद दहशत फैल गई। हमले के दौरान वहां कई श्रद्धालु और स्थानीय लोग मौजूद थे।

घायल लोगों में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के दो सेवादार भी शामिल हैं। आईएएनएस के अनुसार घायलों में से एक को अमृतसर के श्री गुरु रामदास आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान में भर्ती कराया गया है।

हमले से पहले की गई थी रेकी

हमलावर और उसके साथी को मंदिर परिसर के अंदर लोगों ने काबू में कर लिया था। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा कि आरोपी ने हमले से पहले उस जगह की रेकी की थी।

एक पुलिस अधिकारी ने पत्रकारों को बताया, 'दूसरे आरोपी ने कथित तौर पर श्रद्धालुओं पर हमला करने वाले व्यक्ति के साथ मिलकर इलाके की रेकी की थी।' इसके बाद मुख्य आरोपी बाहर गया और लोहे की रॉड लेकर वापस आया।

पुलिस अधिकारी सरमेल सिंह ने बताया कि आरोपी की पहचान जुल्फान के रूप में हुई है। वह हरियाणा का रहने वाला है। पुलिस ने बताया है कि घटना में वह भी घायल हुआ है।

हमले का मकसद क्या था?

पुलिस ने कहा कि वे हमले के पीछे के मकसद का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे नहीं घबराएं। हालांकि, इस घटना से सिख समुदाय में आक्रोश फैल गया है। एसजीपीसी ने हमलावर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

साथ ही इस घटना ने स्वर्ण मंदिर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इससे पहले, पिछले साल दिसंबर में स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी। बाद में हमलावर की पहचान नारायण सिंह चौरा के रूप में हुई, जिसे एक अंगरक्षक ने काबू में कर लिया था। इसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया था।

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