गोवाः फैक्ट्री मजदूरों को करना पड़ सकता है 10 घंटे काम, विधानसभा में पास हुआ विधेयक

गोवा विधानसभा (Goa Assembly) में फैक्ट्री मजदूरों के काम के घंटों को बढ़ाने के लिए एक विधेयक पास हुआ है। सीएम प्रमोद सावंद ने कहा है कि कानून बनने से पहले इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

goa assembly passed the bill for factory labourers to extend duty hours from 9 to 10

गोवा विधानसभा Photograph: (आईएएनएस)

पणजीः गोवा विधानसभा में फैक्ट्री मजदूरों के लिए काम के घंटों को बढ़ाने वाला विधेयक पारित कर दिया गया है। इसके तहत अब फैक्ट्री मजदूरों को 9 घंटे की बजाय 10 घंटे काम करना पड़ सकता है। सरकार ने इसे 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को सुगम बनाने वाला अधिनियम बताया है। 

गोवा विधानसभा में यह विधेयक 24 जुलाई को रात में पारित किया गया जिसमें फैक्ट्री अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन किया गया ताकि फैक्ट्री में काम के घंटे बढ़ाए जा सकें। इसके साथ ही ओवरटाइम काम की स्वीकार्य सीमा भी बढ़ाई जा सके। 

कारखाना एवं बॉयलर मंत्री ने पेश किया विधेयक

विधानसभा में यह विधेयक राज्य के कारखाना एवं बॉयलर मंत्री नीलकंठ हलर्नकर ने गुरुवार को पेश किया। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने विधेयक के बारे में सदन में कहा कि इसे कानून के रूप में प्रभावी होने से पहले स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। अगर राष्ट्रपति इस विधेयक को मंजूरी देते हैं तो यह विधेयक कानून बन जाएगा। 

इस विधेयक के माध्यम से सरकार की योजना गोवा में लागू केंद्रीय अधिनियम की धारा-54 में संशोधन करना है जिससे व्यस्क मजदूरों के लिए कार्य के घंटे 9 से बढ़ाकर 10 किए जा सकें।

इसमें अधिनियम की धारा-65 में भी संशोधन करने का प्रावधान है जिससे एक तिमाही में अधिकतम ओवरटाइम की अनुमति 125 से बढ़ाकर 144 घंटे की जा सके। 

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की सुगमता 

इस विधेयक के संबंध में एक बयान जारी किया गया है जिसमें प्रावधानों में संशोधन का उद्देश्य नियामक ढांचे में सुधार और सरलीकरण करना है जिससे 'ईज ऑफ डुइंग बिजनेस' को सुगम बनाया जा सके।

सरकार ने यहां यह स्पष्ट किया है कि इन प्रस्तावों ने वित्तीय रूप से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वहीं, विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि इससे फैक्ट्री संचालन में अधिक लचीलापन मिलेगा। 

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