बेंगलुरु: बेंगलुरु पुलिस ने डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म क्रेड की मूल कंपनी ड्रीमप्लग पेटेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड से 12.2 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक्सिस बैंक के एक रिलेशनशिप मैनेजर सहित अन्य लोग शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ, जब ड्रीमप्लग के अधिकारियों ने कंपनी के खातों में संदिग्ध लेन-देन देखा। मामले की बेंगलुरु के सीईएन ईस्ट पुलिस जांच कर रही है। इस धोखाधड़ी में आरोपियों ने एक्सिस बैंक के खातों का गलत तरीके से इस्तेमाल किया।
पेमेंट प्लेटफॉर्म क्रेड के साथ ऐसे हुई धोखाधड़ी
ड्रीमप्लग के अधिकारियों ने बताया कि 2021 में एक्सिस बैंक से कंपनी के नाम पर दो खातों का संचालन शुरू किया गया था, जिसमें से एक चालू खाता और एक नोडल खाता था। इनमें से 12.2 करोड़ रुपए धोखाधड़ी से निकाले गए।
पहले जांच में पाया गया कि कंपनी ने चार यूजर आईडी के साथ एक कॉरपोरेट आईडी प्राप्त की थी, लेकिन उनमें से केवल दो आईडी को ही सक्रिय किया गया। इसके बाद, आरोपियों ने इन दो सक्रिय आईडी का गलत इस्तेमाल किया।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने एक्सिस बैंक के खाते की जानकारी में हेरफेर कर ड्रीमप्लग के बैंक खातों तक अनधिकृत पहुंच हासिल की।
इसके लिए उन्होंने दो मुख्य तरीके अपनाए: पहले, जाली दस्तावेज और मुहरों का इस्तेमाल कर खातों में बदलाव की कोशिश की, और दूसरे, पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी में बदलाव की अनुमति ली।
अक्टूबर और नवंबर के बीच यानी लगभग 14 दिन में कुल 37 धोखाधड़ी लेन-देन किए गए। इन लेन-देन में 15.2 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने का प्रयास किया गया, लेकिन केवल 12.2 करोड़ रुपए ही सफलतापूर्वक निकाले जा सके।
यह घोटाला तब उजागर हुआ जब कंपनी ने एक्सिस बैंक से जुड़े खातों में दो संदिग्ध लेन-देन देखे। बैंक ने इन बदलावों को मान्यता दी, जिसके बाद धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया।
ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर के इस्तेमाल में भी फ्रॉड
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने जो ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया, वे पूरी तरह से धोखाधड़ी से जुड़े थे। इन नंबरों और ईमेल आईडी का इस्तेमाल करके उन्होंने ओटीपी को ब्लॉक कर दिया और इसके बाद कई खातों से पैसे ट्रांसफर किए।
यह धोखाधड़ी विशेष रूप से तब बढ़ी, जब बैंक ने आरोपियों द्वारा प्रस्तुत किए गए अनुरोधों पर कोई गंभीरता से विचार नहीं किया। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की गहन जांच जारी है।
पुलिस का कहना है कि ऐसे धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।