पोप के चुनाव में भाग लेंगे चार भारतीय कार्डिनल Photograph: (आईएएनएस)
रोमः पोप फ्रांसिस की मृत्यु के बाद अब नए पोप के चुनाव के लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में भारत समेत दुनिया भर के कार्डिनल वेटिकन सिटी में जुटेंगे।
इसके बाद सभी कार्डिनल कैथोलिक चर्च के नए नेता के चुनाव के लिए सिस्टीन चैपल में बंद कमरे में पोप सम्मेलन का आयोजन करेंगे। इस आयोजन में भारत के छह में से चार कार्डिनल पोप के चुनाव में वोट देने के लिए योग्य हैं।
भारत के ये कार्डिनल करेंगे वोट
कार्डिनल कैथोलिक चर्च में पादरी के उच्च पद पर होते हैं। पोप के बाद ये सबसे उच्च पद पर होते हैं और पोप को चर्च के प्रशासन और नीति-निर्माण में सलाह देते हैं।
भारत की तरफ से जो चार कार्डिनल पोप के चुनाव में वोट करेंगे वे गोवा और दमन के आर्कबिशप फिलिप नेरी फेर्रो, केरल स्थित सिरो-मलंकरा कैथोलिक चर्च के आर्कबिशप बसेलियस क्लीमिस, होली सी के राज्य सचिवालय के यात्रा कार्यालय के पूर्व प्रमुख जॉर्ज कवक्कड़ और हैदराबाद मेट्रोपॉलिटैन के आर्कबिशप एंथनी पूला शामिल हैं। एंथनी पूला दलित ईसाई समुदाय के पहले आर्कबिशप हैं।
इनके अलावा जो दो और कार्डिनल हैं उनके नाम ओस्वाल्ड ग्रेसियस और जॉर्ज अलेंचरी हैं। ओस्वाल्ड ग्रेसियस बॉम्बे के पूर्व आर्कबिशप हैं तो वहीं अलेंचरी सिरो सिरो-मालाबार चर्च के मुख्य आर्कबिशप हैं। ये लोग पोप के चुनाव में वोट नहीं कर सकेंगे क्योंकि इनकी उम्र 80 के पार है।
2013 में चुने गए थे पोप
पोप फ्रांसिस का जन्म साल 1936 में हुआ था। वह पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे। बीते सोमवार उनका निधन हो गया। वह फेफड़ों की गंभीर बीमारी के कारण 38 दिनों तक अस्पताल में रहे थे। इस दौरान उनका शरीर बहुत कमजोर हो गया था।
बीमारी और कमजोरी से जूझ रहे पोप फ्रांसिस ने फिर भी रविवार को ईस्टर के मौके पर सार्वजनिक रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज की थी। साल 2013 में उन्हें कैथोलिक चर्च के नेता के रूप में पेश किया गया था जिसके दुनिया भर में लगभग 1.3 अरब अनुयायी हैं। उनके निधन पर भारतीय कार्डिनल बेसिलियोस क्लीमिस ने कहा कि फ्रांसिस को लोगों के पोप के रूप में याद रखा जाएगा।