दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व अधिकारी विकास यादव को व्यक्तिगत पेशी में छूट दे दी। विकास ने कोर्ट के समक्ष अपनी जान को खतरा बताया था। विकास पर कथित तौर पर हत्या और अपहरण के प्रयास का मामला दर्ज है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने विकास यादव के ऊपर खालिस्तान समर्थक अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के लिए कथित तौर पर योजना बनाने और मनीलॉन्डिंग के आरोप तय किए हैं।
24 मार्च को होनी है अगली सुनवाई
अतिरिक्त सत्र न्यायालय के जज सुमित दास ने विकास यादव की तरफ से पेश हुए वकील आर.के. हांडू और आदित्य चौधरी को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। इस मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को तय की गई है। 24 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी की मांग की। अधिकारी दिल्ली विधानसभा चुनाव में व्यस्तता के कारण सुनवाई में उपस्थित नहीं हो सके।
विकास ने इस मामले में पहले भी उपस्थिति से छूट की मांग की थी लेकिन उन्हें छूट नहीं मिली थी। इस बार उन्हें छूट मिल गई है। इससे पहले नवंबर 2024 में इसी आधार पर उपस्थिति से छूट की मांग की थी।
अमेरिकी न्याय विभाग ने तय किए आरोप
साल 2023 में अमेरिकी न्याय विभाग ने विकास को सह-साजिशकर्ता के रूप में आरोप तय किए थे। इसके तीन हफ्ते के भीतर ही दिल्ली पुलिस ने विकास को उसके सहयोगी अब्दुल्ला खान के साथ गिरफ्तार किया था।
इन दोनों के खिलाफ इंडियन पीनल कोड यानी आईपीसी की धारा 307, 120बी, 364ए, 506, 341 और 328 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
हालांकि मार्च 2024 में विकास यादव को अंतरिम जमानत दे दी गई थी। इसके बाद अप्रैल में नियमित जमानत दे दी गई थी। विकास के खिलाफ रोहिणी निवासी एक व्यक्ति ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें विकास के ऊपर जबरन वसूली और अपहरण के साथ-साथ लॉरेंस बिश्नोई से संबंध होने का भी आरोप लगाया गया था।