हैदराबादः आंध्र प्रदेश पुलिस ने 3,500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में 305 पन्नों का आरोपपत्र (चार्जशीट) दायर की। पुलिस ने इस आरोपपत्र में राज्य के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी का नाम भी रखा है। जगन पर साल 2019-2024 तक वाईएसआरसीबी (YSRCP) के शासनकाल के दौरान कथित तौर पर महीने का 50-60 करोड़ रिश्वत मिलने के आरोप लगाए हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जगन मोहन रेड्डी का नाम आरोपपत्र में भले ही दायर किया गया है लेकिन आरोपी के रूप में उनका नाम नहीं है। स्थानीय अदालत ने अभी इस दस्तावेज को संज्ञान में नहीं लिया है।

रिपोर्ट में क्या कहा गया?

इस रिपोर्ट के बारे में एक गवाह का हवाला देते हुए आरोपपत्र के हवाले से लिखा गया "एकत्र की गई रकम अंततः कसिरेड्डी राजशेखर रेड्डी (ए-1) को सौंप दी गई। इसके बाद राजशेखर रेड्डी ने यह पैसा साई रेड्डी (ए-5), मिथुन रेड्डी (ए-4), बालाजी (ए-33) को सौंपी जिन्होंने बाद में इसे पूर्व सीएम वाई एस जगन मोहन रेड्डी को सौंपा। औसतन हर महीने (2019-24 वाईएसआरसीपी के शासनकाल के दौरान) 50-60 करोड़ रुपये एकत्र किए गए।"

आरोपपत्र के मुताबिक, राजशेखर रेड्डी को इस घोटाले का मास्टरमाइंड और सह-साजिशकर्ता करार दिया गया है। रेड्डी ने कथित तौर पर आबकारी नीति में हेराफेरी की, स्वचालित ऑर्डर फॉर सप्लाई (ओएफएस) प्रणालियों को मैन्युअल प्रणालियों से बदल दिया, और आंध्र प्रदेश राज्य पेय पदार्थ निगम लिमिटेड (एपीएसबीसीएल) में अपने वफादार अधिकारियों को नियुक्त किया। दस्तावेज में दावा किया गया है कि रेड्डी ने एक अन्य आरोपी बालाजी गोविंदप्पा के माध्यम से जगन तक रिश्वत पहुंचाने के लिए नकली डिस्टिलरी का इस्तेमाल किया।

पुलिस ने क्या आरोप लगाया?

पुलिस ने आरोप लगाया कि राजशेखर रेड्डी ने पूर्व विधायक चेविरेड्डी भास्कर रेड्डी के साथ मिलकर वाईएसआरसीपी के चुनाव अभियान के लिए 250-300 करोड़ रुपये की नकदी भी भेजी। इस राशि को कथित तौर पर 30 से ज़्यादा फ़र्ज़ी कंपनियों के ज़रिए लॉन्ड्रिंग करके दुबई और अफ्रीका में ज़मीन, सोना और आलीशान संपत्तियाँ खरीदने में इस्तेमाल किया गया।

आरोपपत्र में आगे दावा किया गया है कि वाईएसआरसीपी सरकार द्वारा शुरू की गई शराब नीति शराब वितरण पर पूर्ण नियंत्रण रखने के लिए बनाई गई थी, जिससे आरोपी अधिकारी मोटा कमीशन वसूल सकें।

बीते शनिवार को विशेष जांच टीम (SIT) ने वाईएसआरसीपी के सांसद पी वी मिधुन रेड्डी को घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था । इसी साल मई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में जांच शुरू की थी और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत धन शोधन मुकदमा दर्ज किया गया।

पी वी मिधुन रेड्डी की गिरफ्तारी पर पार्टी के कई नेताओं ने हल्ला बोलते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया।