नई दिल्ली: बोतल बंद पानी (Bottled Water) पर आई एक नई रिपोर्ट ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इससे इसकी गुणवत्ता और शुद्धता पर भरोसा संदेह के घेरे में आ गया है।
हाल ही में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई-FSSAI) ने बोतल बंद पानी को “उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थ” की कैटेगरी में डाल दिया है। इसका मतलब है कि अब इस पानी के निर्माता साल में कम से कम एक बार इसकी जांच जरूर कराएंगे।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, जब किसी खाद्य पदार्थ को “उच्च जोखिम” श्रेणी में रखा जाता है, तो इसका मतलब यह है कि उन खाद्य पदार्थों को बनाने और प्रोसेस करने वाली सुविधाओं का नियमित निरीक्षण किया जाएगा।
इससे यह पता चलता है कि उनका उत्पादन सुरक्षित और स्वच्छ तरीके से हो रहा है। इस कदम का उद्देश्य उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा करना है। यह अधिसूचना 27 नवंबर को जारी की गई थी। यह पहले किए गए संशोधन का हिस्सा है।
इस संशोधन के तहत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस-BIS) से प्रमाणन की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। इससे खाद्य व्यवसायों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया सरल हो गई है, और दोहरी आवश्यकताएं खत्म कर दी गई हैं।
अब बोतल बंद पानी और मिनरल वाटर को उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणियों में रखा गया है, जबकि पहले उन्हें बीआईएस प्रमाणन की आवश्यकता थी।
‘उच्च जोखिम’ वाले खाद्य पदार्थ किसे कहते हैं
एफएसएसएआई के अनुसार, उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थ वे होते हैं, जिनमें मिलावट का खतरा ज्यादा होता है। इनका उत्पादन या प्रसंस्करण करने वाली सुविधाओं का निरीक्षण करना अनिवार्य होता है। जांच और निरीक्षण हर साल या हर दो साल में एक बार होना चाहिए, और यह तीसरे पक्ष द्वारा किया जाता है।
खबर के मुताबिक, हर साल जांच की प्रक्रिया से गुजरने वाले उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थों के निर्माताओं को एक साल की छूट मिल सकती है, लेकिन इसके लिए उन्हें जांच में 80 प्रतिशत से अधिक स्कोर पाना होगा या स्वच्छता रेटिंग में पांच अंक हासिल करने होंगे।
एफएसएसएआई द्वारा उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थों में डेयरी उत्पाद, मांस, मछली, अंडा, विशेष पोषण उपयोग के लिए खाद्य पदार्थ, तैयार खाद्य पदार्थ और भारतीय मिठाइयां शामिल हैं।
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बोतल बंद पानी निर्माताओं पर अब रखी जाएगी कड़ी निगरानी
खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए, एफएसएसएआई और राज्य खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण पूरे वर्ष खाद्य व्यवसायों का निरीक्षण करते हैं। ये निरीक्षण आमतौर पर खाद्य व्यवसाय संचालकों को लाइसेंस देने से पहले किए जाते हैं या फिर अनियमित रूप से होते हैं।
अगर कोई समस्या सामने आती है या खाद्य पदार्थ में संक्रमण का खतरा होता है, तो निरीक्षण किए जाते हैं। इस नए आदेश के साथ अब बोतल बंद पानी के निर्माताओं पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, जिससे उपभोक्ताओं को सुरक्षित पानी मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।