पहलगाम हमले के आतंकवादियों की पहली तस्वीर जारी, तलाश में जुटीं सुरक्षा एजेंसियां

एनआईए ने तीन आतंकियों के स्केच तैयार किए थे, जिसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकियों के ये स्केच चश्मदीदों से बातचीत के बाद बनाए। बताया जा रहा है कि इस वारदात को लगभग छह आतंकियों ने अंजाम दिया।

Pahalgam Terrorists Photo

Photograph: (सोशल मीडिया)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला करने वाले आतंकियों की पहली तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में चार आंतकी एक दूसरे के कंधों पर हाथ रख खड़े हैं। वहीं, इससे पहले एनआईए ने तीन आतंकियों के स्केच तैयार किए थे, जिसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकियों के ये स्केच चश्मदीदों से बातचीत के बाद बनाए। बताया जा रहा है कि इस वारदात को लगभग छह आतंकियों ने अंजाम दिया। बता दें कि पहलगाम आतंकी हमेंल में 28 लोगों की मौत हो गई है। इनमें 26 पर्यटक शामिल हैं। एनआईए के साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियां पहलगाम हमले की जांच कर रही हैं।

बता दें कि इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ आतंकी संगठन ने ली है जिसका पूरा नाम 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' है। यह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक मुखौटा संगठन है। वहीं जम्मू कश्मीर सरकार ने हमले में मारे गए हर शख्स के परिवार को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

सुरक्षा बलों ने जारी किए आतंकवादियों के स्केच और तस्वीरें

पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा बलों ने बुधवार को कुछ संदिग्ध आतंकियों की तस्वीरें और स्केच जारी किए हैं। इस हमले में मंगलवार को 28 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। सुरक्षा बलों के अनुसार, इस हमले में तीन आतंकवादियों की पहचान आसिफ फूजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के तौर पर की गई है। ये आतंकी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) नाम के आतंकी संगठन से जुड़े हैं, जो कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है। इन लोगों ने पहलगाम से 6 किलोमीटर दूर बसे बैसरन में घूमने आए पर्यटकों पर अचानक गोलियां चला दीं।

सुरक्षा बलों ने बताया कि पांच से छह आतंकी सेना जैसे कपड़े और कुर्ता-पायजामा पहनकर आस-पास के घने जंगल से आए थे और उनके पास एके-47 जैसे खतरनाक हथियार थे। खुफिया जानकारी के मुताबिक, इस हमले में पाकिस्तान से आए आतंकवादी भी शामिल थे जो कुछ ही दिन पहले घाटी में घुसे थे। सुरक्षा एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा के बड़े आतंकी सैफुल्लाह कसूरी उर्फ़ खालिद को इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है।

हमले के बाद सुरक्षाबलों ने बड़ा तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और जंगलों में छिपे आतंकियों को ढूंढने के लिए हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं। जांच में यह भी पता चला है कि आतंकियों ने बहुत उन्नत हथियार और संचार उपकरण इस्तेमाल किए, जिससे साफ है कि उन्हें बाहर से मदद मिल रही थी।

आतंकियों ने हेलमेट पर लगे कैमरे से की हमले की रिकॉर्डिंग

कुछ आतंकियों ने हेलमेट पर लगे कैमरे और बॉडी कैमरों से पूरे हमले की रिकॉर्डिंग भी की। उनके पास सूखे मेवे और दवाइयां भी थीं, जिससे साफ है कि वे पूरी तैयारी के साथ आए थे। सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले से पहले कुछ स्थानीय लोगों की मदद से इलाके की रेकी भी की थी। चश्मदीदों का कहना है कि दो आतंकी पश्तो भाषा बोल रहे थे, जो दर्शाता है कि वे पाकिस्तानी थे। वहीं, दो स्थानीय आतंकी आदिल और आसिफ बताए जा रहे हैं, जो बिजबेहरा और त्राल के रहने वाले हैं।

हमले की एकदम सही तैयारी और सटीक योजना से यह लगता है कि इसे ऐसे व्यक्तियों ने अंजाम दिया है जिन्हें इसकी अच्छी ट्रेनिंग मिली हुई है, न कि कोई सामान्य स्थानीय व्यक्ति। जांच एजेंसियों ने यह भी पाया है कि इन आतंकियों के डिजिटल फुटप्रिंट पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची के सुरक्षित ठिकानों से जुड़े हुए हैं, जिससे सीमा पार आतंकी साजिश की पुष्टि होती है।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article