हैदराबाद: तेलंगाना पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) से जुड़े एक घोटाले की जांच शुरू की है। आरोप है कि राज्य भर के 28 निजी अस्पतालों ने मुख्यमंत्री राहत कोष से करोड़ों रुपए का गबन करने का प्रयास किया है।
इस घोटाले में मीरपेट, हसिथनापुरम, बीएन रेड्डी नगर, रंगारेड्डी, कोथपेट और बैरमलगुडा सहित विभिन्न स्थानों में कई निजी अस्पतालों द्वारा फर्जी बिल जमा किया गया है।
आरोप यह भी है अस्पताल कुछ लोगों के साथ मिलकर फर्जी बिल निकालता था और उन बिल को दिखाकर सरकारी राहत कोष से पैसे उठा लिए जाते थे। दावा यह भी है कि यह घोटाले कई महीने पहले किए गए थे।
इन अस्पतालों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। मामले की जांच के लिए छह जांच अधिकारियों को नियुक्त किया गया है और सीआईडी महानिदेशक ने उन्हें दो सप्ताह के भीतर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
क्या है पूरा मामला
इस घोटाले की सबसे पहले जानकारी तब मिली थी जब तेलंगाना राज्य सरकार के राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने पुलिस से इसकी शिकायत की थी। सीएमआरएफ विंग के अनुभाग अधिकारी डीएसएन मूर्ति ने अपनी शिकायत में यह मुद्दा उठाया था जिसके बाद जांच शुरू हुई है।
दावा है कि फंड से फर्जी तरीके से पैसे निकालने के लिए कुछ निजी अस्पतालों ने निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया है।
इसके लिए फर्जी बिल और दस्तावेज तैयार किए गए थे और मरीजों के इलाज के झूठे रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री राहत कोष से पैसे निकाले गए थे। आरोपियों पर जालसाजी और राज्य सरकार को धोखा देने के प्रयास के आरोप लगे हैं।
सीआईडी ने अपनी चल रही जांच के तहत पहले ही करीमनगर, रंगा रेड्डी, वारंगल और मेडक सहित राज्य भर के कई अस्पतालों में निरीक्षण किया है।
घोटाले में खम्मम और हैदराबाद के अस्पतालों की संख्या ज्यादा
घोटाले में शामिल कुल 28 अस्पतालों में से 10-10 अस्पताल खम्मम और हैदराबाद में ही मौजूद है। इसके आलावा नलगोंडा में तीन, महबुबाबाद में दो और हनमकोंडा, करीमनगर और पेद्दापल्ली में एक एक अस्पताल शामिल हैं।
कई धाराओं के तहत दर्ज हुए हैं मामले
सीआईडी ने इन अस्पतालों के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इन पर धारा 465 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में उपयोग करना), 420 (धोखाधड़ी), और 511 (के साथ दंडनीय अपराध करने का प्रयास) के तहत छह मामले दर्ज किए गए हैं।
एफआईआर में ये अस्पताल हैं शामिल
पुलिस के एफआईआर में हैदराबाद के 10 अस्पतालों का जिक्र है। इन अस्पतालों की लिस्ट नीचे दी गई है।
1. आईएस सदन एक्स रोड पर अरुणा श्री मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल
2. श्री कृष्णा हॉस्पिटल, सैदाबाद
3. सैदाबाद में जननी अस्पताल
4. मीरपेट में हिरण्य अस्पताल
5. हस्तिनापुरम में डेल्टा अस्पताल
6. बीएन रेड्डी नगर में श्री रक्षा अस्पताल
7. सागर रिंग रोड पर एमएमएस अस्पताल
8. रामनाथपुर में एडीआरएम मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल
9. एमएमवी इंदिरा मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कोठापेट
10. बैरामालगुडा में श्री साई थिरुमाला अस्पताल
ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा ढहने पर सरकार-विपक्ष आमने-सामने, जानें क्या है पूरा मामला
क्या होता है मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ)
सीएमआरएफ राज्य की मुख्यमंत्री की तरफ से एक राहत कोष है जिसका लाभ वो लोग उठा सकते हैं जो महंगे इलाज करने में सक्षम नहीं हैं। यही नहीं यह वित्तीय सहायता उन लोगों को भी दिया जाता है जिनपर अचानक और अप्रत्याशित कठिनाइयां सामने आ जाती है।
बाढ़, सूखा और आग दुर्घटनाओं जैसी प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ अन्य आपात स्थितियों में भी इस फंड से लोगों की मदद की जाती है। भारत के हर राज्य में इस तरह का राहत कोष होता है जिससे वहां की लोगों की वित्तीय सहायता की जाती है।