'प्लेन उड़ाने लायक नहीं हो, जाओ जूते सिलो', इंडिगो के ट्रेनी पायलट का सीनियर अफसरों पर आरोप; केस दर्ज

इंडिगो के कर्मचारी ने कैप्टन समेत तीन लोगों पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। पीड़ित का आरोप है कि उन्हें मीटिंग के नाम पर गुड़गांव में बुलाकर जातिगत उत्पीड़न किया गया।

इंडिगो

इंडिगो Photograph: (Ians)

इंडिगो एयरलाइंस के तीन अधिकारियों के खिलाफ सोमवार को केस दर्ज हुआ है। यह एफआईआर उनके ही ट्रेनी पायलट ने कराई है। दरअसल, ट्रेनी पायलट का कहना है कि इन अधिकारियों ने उससे कहा कि वो प्लेन उड़ाने लायक नहीं है, जाए और जूते सिले। दरअसल, ये पायलट अनसूचित जाति से ताल्लुक रखता है। मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।

इंडिगो के अधिकारियों मनीष साहनी, तपस डे और कैप्टन राहुल पाटिल के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में पहले बेंगलुरु में शिकायत की गई, जहां पर पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद इसे गुरुग्राम में ट्रांसफर कर दिया गया, जहां पर इंडिगो का हेडक्वार्टर है। यहां बता दें कि जीरो एफआईआर किसी भी पुलिस थाने में दर्ज की जा सकती है, चाहे अपराध कहीं भी हुआ हो।

पायलट ने अपनी शिकायत में कही ये बात

पायलट ने अपनी शिकायत में बताया कि 28 अप्रैल को उसे इंडिगो के हेड ऑफिस (एमार कैपिटल टॉवर-2, गुरुग्राम) में मीटिंग के लिए बुलाया गया। यहां मौजूद तपस डे, मनीष साहनी और कैप्टन राहुल पाटिल ने उनके साथ गाली-गलौज की और जातिसूचक टिप्पणियां कीं। पायलट ने आरोप लगाया, “मुझे ऑफिस पहुंचते ही कहा गया कि अपना फोन और बैग बाहर रखो। फिर मीटिंग में उन्होंने कहा- तुम हवाई जहाज उड़ाने के लायक नहीं हो, वापस जाओ और चप्पलें सिलो। यहां तो तुम चौकीदार बनने लायक भी नहीं हो।”

ट्रेनी पायलट का आरोप- एथिक्स कमिटी ने भी कुछ नहीं किया

आरोप है कि उत्पीड़न सिर्फ मौखिक दुर्व्यवहार तक ही सीमित नहीं था। इसमें प्रफेशनल उत्पीड़न भी शामिल था। जैसे कि बिना किसी वजह के सैलरी काटना, जबरदस्ती दोबारा ट्रेनिंग करवाना, यात्रा भत्ते रद्द करना और बिना वजह चेतावनी पत्र देना। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसने इस मामले को बड़े अधिकारियों और कंपनी की एथिक्स कमेटी तक पहुंचाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए उसे कानूनी मदद के लिए SC/ST सेल से संपर्क करना पड़ा।

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