बेंगलुरु: कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार विधान सभा के मानसून सत्र में रोहित वेमुला एक नाम पर एक विधेयक लाने की तैयारी में है। इस विधेयक का मकसद राज्य भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों से होने वाले भेदभाव को रोकना है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार राहुल गांधी की ओर से जोर दिए जाने के बाद कर्नाटक सरकार इसे मानसून सत्र में लाने की तैयारी में लग गई है।
रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक रोहित वेमुला (बहिष्कार या अन्याय निवारण) (शिक्षा और सम्मान का अधिकार) विधेयक- 2025 का उद्देश्य अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अल्पसंख्यकों के लिए बहिष्कार या अन्याय को रोकना और शिक्षा और सम्मान के अधिकार की रक्षा करना है। साथ ही इन वर्गों से आने वाले छात्रों की कर्नाटक राज्य में स्थापित सभी सार्वजनिक, निजी या मानद विश्वविद्यालयों में शिक्षा तक समान पहुँच और अधिकार को प्रदान करना है।
विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि ऐसे अपराध गैर-जमानती और संज्ञेय होंगे। जो कोई भी भेदभाव करेगा या ऐसे व्यवहार में सहायता और प्रोत्साहन देने का दोषी पाया जाएगा, उसे दंडित किया जाएगा।
रोहित वेमुला बिल: भारी जुर्माने से लेकर जेल तक
रिपोर्ट के अनुसार बिल के प्रावधानों के तहत पहली बार अपराध करने पर एक साल की कैद और 10,000 रुपये का जुर्माना होगा। अदालतों को आरोपी द्वारा पीड़ित मुआवजा दिलवाने का भी अधिकार होगा, जो एक लाख रुपये तक हो सकता है। इस अधिनियम के तहत दोबारा अपराध करने पर तीन साल की कैद और एक लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
इसके अलावा यदि कोई शैक्षणिक संस्था 'सभी वर्गों, जातियों, पंथों, लिंगों या राष्ट्रों के लिए खुली' होने के प्रावधान का उल्लंघन करती है, तो उस पर भी समान दंड लगाया जाएगा। इसके अलावा, राज्य सरकार विधेयक के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाली 'ऐसी संस्था को कोई वित्तीय सहायता या अनुदान प्रदान नहीं करेगी।'
इस साल अप्रैल में राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर उच्च शिक्षण संस्थानों में जाति-आधारित पूर्वाग्रह को रोकने के लिए रोहित वेमुला के नाम पर एक कानून लाने का अनुरोध किया था। इसके बाद, सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि शिक्षा प्रणाली में ऐसे वर्गों को किसी भी तरह के भेदभाव का सामना न करना पड़े।
प्रस्तावित विधेयक कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र का भी हिस्सा है। गौरतलब है कि रोहित वेमुला ने जातिगत भेदभाव के विरोध में जनवरी 2016 में हैदराबाद विश्वविद्यालय में आत्महत्या कर ली थी।