मंत्री विजय शाह पर FIR दर्ज करने का आदेश, कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए बयान पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए विवादित बयान पर अब मप्र हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि मंत्री पहले ही मामले को लेकर माफी मांग चुके हैं।

विजय शाह

विजय शाह Photograph: (आईएएनएस )

जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंत्री विजय शाह के कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए बयान पर खुद से संज्ञान लिया है। साथ ही मंत्री पर चार घंटे के अंदर एफआईआर करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस अतुल श्रीधरन और अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ के सामने राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह पेश हुए। फिलहाल, कोर्ट के विस्तृत आदेश का इंतजार है। यह मामला ऑपरेशन सिंदूर की नायिका सोफिया कुरैशी पर की गई टिप्पणी से जुड़ा है।

कोर्ट ने टिप्पणी के मामले में खुद ही संज्ञान लिया

हाईकोर्ट ने सोफिया कुरैशी पर की गई टिप्पणी के मामले में खुद ही संज्ञान लिया। कोर्ट ने मंत्री विजय शाह के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और अनुराधा शुक्ला की बेंच के सामने राज्य सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह पेश हुए। अभी कोर्ट के विस्तृत आदेश का इंतजार किया जा रहा है। कोर्ट ने सरकार को शाम छह बजे तक का वक्त दिया है। इस समय के अंदर एफआईआर दर्ज करने हैं।

हाईकोर्ट ने कहा है कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों में केस दर्ज करें। अब देखना होगा कि सरकार क्या कदम उठाती है। वहीं, मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी से माफी मांग ली है। हालांकि कांग्रेस पार्टी लगातार बीजेपी नेतृत्व से उन्हें हटाने की मांग कर रही है। अब कोर्ट के निर्देश पर एफआईआर दर्ज होती है तो मंत्री विजय शाह की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है।

क्या बोले थे एमपी के मंत्री

मध्य प्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री विजय शाह ने एक कार्यक्रम में 'ऑपरेशन सिंदूर' की जानकारी देने के लिए सामने आई सैन्य अधिकारी सोफिया कुरैशी को लेकर एक आपत्तिजनक बात कही। यह बयान उनके धर्म के आधार पर था। शाह के इस बयान पर कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति दर्ज कराई है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मंत्री विजय शाह द्वारा सेना की आला महिला अधिकारी के बारे में दिया गया बयान न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह सेना और महिलाओं दोनों का अपमान है। सेना का कोई अधिकारी हो या सैनिक, उसका कोई धर्म नहीं होता, उन्हें हिंदू या मुसलमान के रूप में नहीं गिना जाता। उनका केवल एक ही धर्म देश होता है। मजहब की बात बार-बार भारतीय जनता पार्टी करती है और इस तरह की भाषा भाजपा की सोच को उजागर करती है। उन्हें इस बयान पर तत्काल माफी मांगनी चाहिए।

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