फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट अपने अस्तित्व से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा में रही है। मुगलकालीन स्मारकों, बुलंद दरवाजा और शेख सलीम चिश्ती की दरगाह के लिए विख्यात यह लोकसभा क्षेत्र 2008 में अस्तित्व में आई। इस सीट पर अब तक तीन बार चुनाव हो चुके हैं। जिसमें एक बार बसपा तो, दो बार भाजपा ने जीत हासिल की। 2014 से ही भाजपा का यहां दबदबा बना हुआ। लगातार दो चुनाव अपने नाम करने के बाद भाजपा इस बार जीत की हैट्रिक लगाने के प्रयास में जुटी है। भाजपा का यहां सीधा मुकाबला कांग्रेस और बसपा से है।
फतेहपुर सीकरी लोकसभा के चुनावी इतिहास की ओर मुड़ेंं तो 2009 में यह सीट सबसे पहले बसपा के खाते में गई थी। पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय को बसपा ने यहां से उम्मीदवार बनाया था। उनके सामने सिने स्टार राज बब्बर बतौर कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में थे। काफी कड़े मुकाबले में सीमा उपाध्याय राज बब्बर को करीब 10 हजार मतों से पराजित करने में सफल रहीं।
सीमा उपाध्याय को 2 लाख 9 हजार 466 वोट (30.19%) हासिल हुए थे, वहीं कांग्रेस के राज बब्बर को 1 लाख 99 हजार 530 वोट (28.75%) मिले थे। भाजपा के राजा महेंद्र अरिदमन सिंह 1 लाख 54 हजार 373 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां की चुनावी फिजा बदली और मोदी लहर में भाजपा ने सीट पर कब्जा जमा लिया।
फतेहपुर सीकरी लोकसभा चुनाव 2014: बसपा से भाजपा ने छीन ली सीट
बसपा ने 2014 सीमा उपाध्याय पर फिर से दांव लगाया तो भाजपा ने चौधरी बाबूलाल को मैदान में उतारा। बाबूलाल ने बसपा उम्मीदवार से 173106 वोटों के अंतर से यह सीट छीन ली। बाबूलाल को 426589 वोट मिले थे जबकि बसपा की सीमा को 253483 मत हासिल हुए थे। समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार रानी पक्षालिका सिंह 213397 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रही थीं। वहीं रालोद-कांग्रेस गठबंधन को चौथे स्थान हासिल हुआ था।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की एकतरफा जीत
2019 के चुनाव में यह सीट फिर से भाजपा के खाते में गई। भाजपा ने बाबूलाल का टिकट काटकर राजकुमार चाहर पर दांव लगाया। वहीं कांग्रेस ने राज बब्बर पर फिर से भरोसा जताया। जबकि बसपा ने सीमा उपाध्याय का टिकट काटकर श्रीभगवान शर्मा को पार्टी उम्मीदवार बनाया। माना जा रहा था कि मुकाबला त्रिकोणीय होगा लेकिन भाजपा के राजकुमार ने एकतरफा जीत हासिल की। राजकुमार ने कांग्रेस के राज बब्बर को 4 लाख 96 हजार से अधिक मतों से पराजित किया। राजकुमार चाहर को 6,67,147 वोट मिले थे जबकि राज बब्बर को 172082 मत हासिल हुए थे। बसपा के श्रीभगवान शर्मा 1,68,043 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
बसपा के वोट शेयर में लगाकार गिरावट आई
चुनाव दर चुनाव बसपा के वोट शेयर में लगातार गिरावट देखने को मिली। 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा का वोट शेयर जहां 30.19% था वहीं 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में क्रमशः 26.19% और 16.20% पर आ गया। 2009 से लेकर 2019 के बीच बसपा के वोट शेयर में करीब 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। वहीं 2009 से 2019 के बीच भाजपा के वोट शेयर में 42% का इजाफा हुआ है।
बसपा ने चौथी बार ब्राह्मण चेहरे पर लगाया दांव
बसपा ने फतेहपुर सीकरी लोकसभा 2024 के चुनाव के लिए राम निवास शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। यह लगातार चौथी बार है जब बसपा ने इस सीट के लिए ब्राह्मण उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। खबरों की मानें तो सीमा उपाध्याय ने अलीगढ़ से टिकट की मांग की थी। बसपा ने उनकी मांग को ठुकरा दिया। सीमा फतेहपुर सीकरी से चुनाव लड़ने को राजी नहीं हुईं तो बसपा ने राम निवास शर्मा को मौका दे दिया।
सपा- कांग्रेस गठबंधन ने यहां से पूर्व फौजी रामनाथ सिकरवार को मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा ने राजकुमार चाहर पर फिर से दांव लगाया है। उधर, भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे रामेश्वर चौधरी ने निर्दलीय मैदान में उतरकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। भाजपा जहां जीत की हैट्रिक लगाने के प्रयास में जुटी है, वहीं बसपा को वापसी की उम्मीद है।
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट ब्रज क्षेत्र में आती है। इसके अंतर्गत पाँच विधानसभा सीटें आती हैं- फतेहाबाद विधान सभा, बाह विधानसभा , फतेहपुर सीकरी विधानसभा, खेरागढ़ विधानसभा और आगरा ग्रामीण विधानसभा शामिल है। इन पाँचों विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है।