किसानों का आज दिल्ली कूच...क्यों फिर शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन, क्या है इनकी मांगें?

किसानों के आज दिल्ली कूच को देखते हुए यातायात व्यवस्था में कई बदलाव किए गए हैं। दिल्ली-एनसीआर में कई स्कूलों ने सोमवार को छुट्टी कर दी है और कई जगह पर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।

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Greater Noida: Farmers of Samyukta Kisan Morcha (SKM) demonstrate outside the Greater Noida Authority office, demanding resolution of grievances related to land acquisition. Their demands include 10% developed land and 64.7% enhanced compensation for acquired land, in Greater Noida on Monday, November 25, 2024. (Photo: IANS/Ramesh Sharma)

ग्रेटर नोएडा में विरोध-प्रदर्शन के लिए बैठे किसान (फाइल फोटो- IANS)

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के लोगों को सप्ताह के पहले दिन भारी ट्रैफिक का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, किसानों ने 2 दिसंबर से एक नए प्रदर्शन की घोषणा की है। इसी कड़ी में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान आज दिल्ली कूच कर रहे हैं। दिन में 12 बजे के आसपास अलग-अलग संगठनों के किसान महामाया फ्लाईओवर के पास जमा होंगे।

वहीं कुछ और किसान संगठन ग्रेटर नोएडा के परी चौक से ट्रैक्टर ट्राली के साथ कूच करेंगे। किसानों के इस आंदोलन को देखते हुए महामाया फ्लाईओवर के आसपास ट्रैफिक डायवर्जन कर दिया गया है। वहीं कई स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है और कई स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं चला रहे हैं। बड़ी संख्या में पुलिस बल और पीएसी को तैनात किया गया है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) के सुकबीर खलीफा ने कहा कि दिल्ली कूच की शुरुआत दोपहर 12 बजे के करीब होगी। उन्होंने कहा, 'दोपहर तक हम वहां पहुंचेंगे और नए कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की मांग रकेंगे।

किसानों की मांग क्या है?

दरअसल, किसानों का आंदोलन 25 नवंबर से शुरू हुआ था। उनका कहना है कि अब यह अपने चरम पर पहुंच गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले के अनुसार आंदोलन के तीसरे और अंतिम चरण में किसान अब संसद सत्र के दौरान दिल्ली कूच कर रहे हैं।

किसानों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सामने एक महापंचायत भी की थी। जिसमें उनकी मुख्य मांगे हैं कि पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10 प्रतिशत प्लॉट और 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा मिले। 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर बाजार दर का चार गुना मुआवजा और 20 प्रतिशत प्लॉट दिया जाए।

इसके साथ ही सभी भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास लाभ भी मिले। हाई पावर कमेटी द्वारा पास किए गए मुद्दों पर सरकारी आदेश जारी किया जाए। इसके अलावा आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाना चाहिए।

प्रदर्शनकारी किसान कृषि ऋण माफी, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 में हुई लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए 'न्याय' की भी मांग कर रहे हैं। इसके अलावा 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा की भी मांग किसानों ने रखी है।

किसानों के साथ बैठ रही बेनतीजा

इससे पहले रविवार को तीनों प्राधिकरण, जिला प्रशासन और पुलिस कमिश्नर के साथ किसानों की तकरीबन 2 घंटे तक बैठक चली जो बेनतीजा निकली। अधिकारियों ने किसानों से अपील की थी कि वह दिल्ली कूच के कार्यक्रम को स्थगित कर दें, लेकिन किसान संगठनों ने उसे दरकिनार कर दिया। पूरे जिले में धारा 163 लागू कर दी गई है। उसके बावजूद भी किसान बड़ी संख्या में महामाया फ्लाईओवर के पास जुटेंगे और यहां से दिल्ली कूच करेंगे।

कई स्कूलों में छुट्टी, कुछ में ऑनलाइन क्लास

किसानों के इस आंदोलन को देखते हुए कई स्कूलों ने सोमवार को अपने स्कूलों में छुट्टी कर दी है और कई जगह पर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। आंदोलन की वजह से जगह-जगह जाम लगने की आशंका को देखते हुए स्कूलों ने कदम उठाया है।

वहीं दूसरी तरफ आम जनता को जाम की समस्या से बचने के लिए नोएडा पुलिस के ट्रैफिक विभाग ने डायवर्जन प्लान तैयार किया है। उन्होंने बताया है कि जरूरत के हिसाब से डायवर्जन प्रभावित किया जाएगा। चिल्ला बॉर्डर, डीएनडी, महामाया फ्लाईओवर के पास भी बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी को तैनात किया जाएगा।

(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)

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