रांची: झारखंड के पलामू में मंगलवार को मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात गैंगस्टर अमन साव उर्फ अमन साहू का शव लेने उसके परिजन नहीं पहुंचे। पुलिस ने अमन के पिता निरंजन साव को फोन कर अंतिम संस्कार के लिए शव लेने को कहा, लेकिन उन्होंने पलामू आने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि पुलिस ने अमन को मारा है, तो उसका शव भी वही घर लाकर दे। 

फिलहाल, पोस्टमॉर्टम के बाद अमन का शव डाल्टनगंज स्थित मेदिनी राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में रखा है। पुलिस के अनुसार, अगर अमन के परिजन या कोई दावेदार 72 घंटे तक शव लेने नहीं पहुंचता है तो नियमों के तहत उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।

जेल में बंद अमन साव के भाई ने मांगी जमानत

हालांकि जेल में बंद अमन साव के भाई आकाश साहू ने उसके अंतिम संस्कार और श्राद्ध में शामिल होने के लिए 13 दिन की औपबंधिक जमानत की मांग करते हुए एनआईए की विशेष अदालत में याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

अमन साव रांची के बुढ़मू थाना अंतर्गत मतवे गांव का रहने वाला था। उसकी मां और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार के लोगों ने मीडिया से भी बात करने से इनकार कर दिया है।

अमन को रांची जिले की पुलिस ने वर्ष 2020 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह लगातार जेल में बंद था। अमन पर झारखंड के अलावा छत्तीसगढ़, बिहार और बंगाल में 150 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। छत्तीसगढ़ की पुलिस उसे आपराधिक मामलों में पूछताछ और जांच के लिए अक्टूबर 2024 में प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर ले गई थी।

एनकाउंटर में मारा गया का गैंगस्टर अमन साहू

झारखंड पुलिस 11 मार्च को उसे रायपुर से वापस रांची लेकर आ रही थी। पुलिस के अनुसार, रास्ते में पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र में अंधारी ढोढा नामक जगह पर अमन के गैंग ने पुलिस की गाड़ी पर बम से हमला किया।

पुलिस का दावा है कि अमन साहू ने मौके का फायदा उठाने की कोशिश की और पुलिस का हथियार छीनकर भागने लगा। पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया तो उसने फायरिंग कर दी। जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें अमन साहू मारा गया।