नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूसरा प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। पूर्व आईएएस अधिकारी पीके मिश्रा 11 सितंबर, 2019 से प्रधानमंत्री के पहले प्रधान सचिव के रूप में कार्यरत हैं। दास अब प्रधानमंत्री के दूसरे प्रधान सचिव होंगे।

शनिवार को जारी सरकारी आदेश के अनुसार, कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी। दास की नियुक्ति उनके पदभार ग्रहण करने की तारीख से प्रभावी होगी, और उनका कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ समाप्त होगा या अगले आदेश तक जारी रहेगा।

शक्तिकांत दास 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी रहे हैं। उनका जन्म 26 फरवरी 1957 को भुवनेश्वर में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में स्नातक और परास्नातक की डिग्री प्राप्त की। साथ ही, उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में भी स्नातकोत्तर की डिग्री ली है।

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के सचिव रहते हुए, दास ने नवंबर 2016 में उच्च मूल्य के मुद्रा नोटों को बंद करने (नोटबंदी) के फैसले में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के कार्यान्वयन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसे 1 जुलाई 2017 को पूरे देश में लागू किया गया था।

आरबीआई गवर्नर के रूप में प्रभावी कार्यकाल

दास दिसंबर 2018 में आरबीआई के 25वें गवर्नर बने थे। उन्होंने ऐसे समय में यह पद संभाला था जब भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक और वित्तीय चुनौतियों से जूझ रही थी। उनके कार्यकाल में भारत ने कोविड-19 महामारी, वैश्विक आपूर्ति शृंखला में बाधा, बढ़ती महंगाई और भू-राजनीतिक तनाव जैसी चुनौतियों का सामना किया। उनकी नीतियों को स्थिरता बनाए रखने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सराहा गया। 2021 में उनके कार्यकाल को तीन साल के लिए बढ़ाया गया था। 

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में पी.के. मिश्रा पहले प्रधान सचिव के रूप में कार्यरत हैं, जो 11 सितंबर 2019 से इस पद पर हैं। अब शक्तिकांत दास को दूसरा प्रधान सचिव बनाया गया है, जिससे प्रधानमंत्री के शीर्ष प्रशासनिक नेतृत्व को और मजबूती मिलेगी। सरकार और नीति-निर्माण में दशकों के अनुभव के साथ, शक्तिकांत दास की नियुक्ति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।