नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान की भूमिका को लेकर भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष ठोस तकनीकी और प्रत्यक्ष सबूत पेश किए हैं। भारतीय अधिकारियों ने "तकनीकी खुफिया" और "विश्वसनीय सूचनाओं" के आधार पर इस हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता की पुष्टि की है।

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने “तकनीकी जानकारी”, “मानवीय खुफिया स्रोतों” और चश्मदीद गवाहों के बयानों के आधार पर आतंकियों की पहचान की है और हमले में पाकिस्तान के आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट की संलिप्तता की पुष्टि की है। बताया गया है कि आतंकियों के “इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर” पाकिस्तान के कम से कम दो ठिकानों से जुड़े पाए गए हैं।

पीएम मोदी की कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से की बात 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दो दिनों में 13 देशों के राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बातचीत की है। इसके साथ ही विदेश सचिव विक्रम मिस्री और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिल्ली में 30 से अधिक देशों के राजदूतों से मुलाकात कर हमले की पूरी जानकारी शेयर की है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी सरकारों को यह बताया गया है कि हमले में शामिल कुछ आतंकियों की पहले की गतिविधियां और उनके पुराने आतंकवादी हमलों से संबंध भी पाकिस्तान से जुड़े पाए गए हैं। ये आतंकी कुछ समय पहले भारत में घुसपैठ कर चुके थे और देश के भीतर छिपे हुए थे। 

देश विदेशी पर्यटकों के लिए पूरी तरह सुरक्षित

 भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक स्तर पर जवाबी कार्रवाई की शुरुआत कर दी है और इसे लेकर विदेशी प्रतिनिधियों को बताया गया कि पर्याप्त सबूतों के आधार पर ये कदम उठाए जा रहे हैं। विदेश सचिव मिस्री ने हमले की “सीमा-पार से जुड़ी साजिश” पर जोर देते हुए पाकिस्तान पर दबाव बनाने की रणनीति स्पष्ट की।

भारत सरकार ने यह भी संदेश दिया है कि देश विदेशी पर्यटकों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और कुछ देशों द्वारा जारी की गई यात्रा चेतावनियों की आवश्यकता नहीं है। अमेरिका और ब्रिटेन ने इस संबंध में ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है, जिसे भारत ने अनावश्यक बताया है। 

इन लोगों का फोन आ चुका है

 प्रधानमंत्री मोदी को ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और डच प्रधानमंत्री डिक शूफ का फोन आया था और दोनों ने हमले की कड़ी निंदा की और भारत के साथ एकजुटता दिखाई। इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी, जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय, मॉरीशस, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत कर दुख और समर्थन जताया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी सऊदी अरब, फ्रांस, इजराइल, नेपाल, मिस्र और अर्जेंटीना के विदेश मंत्रियों और राजदूतों से संपर्क कर भारत की स्थिति स्पष्ट की और सहयोग की अपील की। पहलगाम के बैसारन घास के मैदान में मंगलवार को हुए इस आतंकी हमले में तीन बंदूकधारियों ने निहत्थे पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली है, जिसे भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन बताया है।