आरजी कर रेप-हत्या मामला: थाने में बदले गए सबूत...मिले हैं जाली दस्तावेज, सीबीआई का कोर्ट में दावा

टाला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल के वकील ने कहा है कि मामले की शिकायत मिलने के एक घंटे में मंडल ने शिकायत का जवाब दिया था। वकील ने आगे तर्क दिया है कि सबूतों को नष्ट करने में उनका कोई सीधा संबंध नहीं है।

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Evidence changed in tala police station Fake documents found RG Kar rape-murder case CBI claims in court

आरजी कर रेप-हत्या मामला: थाने में बदले गए सबूत...मिले हैं जाली दस्तावेज, सीबीआई का कोर्ट में दावा (फोटो- IANS)

कोलकाता: आरजी कर रेप-हत्या मामले में सीबीआई ने कोर्ट में कहा है कि वह सबूतों को नष्ट करने की "बड़ी साजिश" की जांच कर रही है। बुधवार को अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) को सूचित किया कि कोलकाता के टाला पुलिस स्टेशन में मामले से संबंधित झूठे रिकॉर्ड बनाए गए हैं।

सीबीआई ने कोर्ट में यह भी कहा है कि वह टाला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल की जमानत का विरोध कर रही है। एजेंसी ने कहा कि वह यह चाहती है कि कोर्ट मंडल की हिरासत को बरकरार रखे ताकि मामले में सही से जांच हो पाए।

यही नहीं अदालत के भीतर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सीबीआई ने बंद कमरे में मामले की सुनवाई की भी मांग की है।

सीबीआई ने कोर्ट में और क्या कहा है

कोर्ट में सीबीआई ने दावा किया है कि अभिजीत मंडल ने घटना के दिन (9 अगस्त को) आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के साथ बातचीत की थी। एजेंसी ने कहा है कि हिरासत के दौरान की गई पूछताछ में कुछ और भी सबूत सामने आए हैं।

सीबीआई को जाली दस्तावेज और टाला पुलिस स्टेशन में हेरफेर करने के सबूत भी मिले हैं जहां पर मामले की शुरुआती रिपोर्ट दर्ज की गई थी। मामले में मंडल की कथित भागीदारी को देखते हुए एजेंसी ने कोर्ट से उसे जमानत न देने की बात कही है और हिरासत को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है।

अभिजीत मंडल के वकील ने क्या कहा है

अभिजीत मंडल के वकील ने तर्क दिया है कि उन्होंने समय पर शिकायत का जवाब दिया था और उनके खिलाफ साजिश के आरोप में उन्हें जमानत मिलनी चाहिए।

वकील ने कहा है कि मामले की शिकायत मिलने के एक घंटे में मंडल ने शिकायत का जवाब दिया था। मंडल के वकील ने आगे तर्क दिया है कि सबूतों को नष्ट करने में उनका कोई सीधा संबंध नहीं है।

संदीप घोष के वकील ने यह तर्क दिया है

मामले में आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष भी जांच के दायरे में हैं। उनके वकील ने तर्क दिया कि कॉलेज में घटनी वाली घटनाओं की रिपोर्टिंग के लिए घोष जिम्मेदार हैं। लेकिन अगर कोई घटना अस्पताल में घटती है तो वे इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

घोष के वकील ने यह भी कहा है कि अस्पताल में घटने वाली घटनाएं चिकित्सा अधीक्षक के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। ऐसे में इस मामले में चिकित्सा अधीक्षक को जवाब देना चाहिए।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर की पहले बलात्कार किया गया था। इसके बाद उसके हत्या कर दी गई थी। यह घटना नौ अगस्त की सुबह सामने आई थी जिसके बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गाय था।

जब मामला ज्यादा तूल पकड़ लिया तो कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंपा था। इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी हुई है। मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें अभिजीत मंडल, संदीप घोष और नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय भी शामिल हैं।

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