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नए नियम के तहत अब ईपीएफ (EPF) सदस्यों को उनके दावे के निपटान की तारीख तक ब्याज मिलेगा, जिससे वे अधिक ब्याज प्राप्त कर सकेंगे और दावे का निपटान भी तेजी से होगा।
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, पहले के नियमों के अनुसार, अगर किसी महीने की 24 तारीख तक दावे का निपटान होता था, तो ब्याज का भुगतान केवल पिछले महीने के अंत तक किया जाता था।
इससे सदस्य को निपटान के समय तक का ब्याज नहीं मिलता था। अब, नए नियमों के तहत ब्याज का भुगतान निपटान की तारीख तक किया जाएगा। इससे सदस्यों को वित्तीय लाभ मिलेगा और शिकायतों की संख्या भी कम होगी।
नए नियम को लेकर ईपीएफओ ने क्या कहा है
खबर के अनुसार, ईपीएफओ का कहना है कि पहले ब्याज वाले दावों को 25 तारीख से लेकर महीने के अंत तक संसाधित नहीं किया जाता था, ताकि सदस्य ब्याज की हानि से बच सकें।
अब, नए नियम के तहत दावों को पूरे महीने में संसाधित किया जाएगा, जिससे लंबित मामलों में कमी आएगी और समय पर निपटान होगा। यह निर्णय ईपीएफओ की पारदर्शी और सदस्य-केंद्रित सेवा को दिखाता है।
एक उदाहरण से इसे समझा जा सकता है। मान लीजिए कि किसी सदस्य के पास 10 लाख रुपए का बैलेंस है और ब्याज दर 8.25 फीसदी है। पहले, अगर क्लेम का निपटान 20 तारीख को होता था, तो ब्याज केवल पिछले महीने के अंत तक ही मिलता था।
लेकिन अब, 20 तारीख तक निपटान होने पर सदस्य को न केवल पिछले महीने का ब्याज मिलेगा, बल्कि उस महीने के बाकी दिन का भी ब्याज मिलेगा। इस प्रकार, नए नियमों के तहत सदस्य को अतिरिक्त ब्याज मिलेगा।
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ईपीएफओ के नए नियम को लेकर विशेषज्ञों ने क्या कहा है
हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि नए नियमों को लागू करने के लिए आधिकारिक अधिसूचना का इंतजार किया जा रहा है। एक बार अधिसूचना जारी होने के बाद, ये बदलाव प्रभावी होंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, यह नया नियम केवल कुछ विशिष्ट दावों पर लागू होगा, जैसे कि मृत्यु, सेवानिवृत्ति, विकलांगता आदि के मामले।
खबर में बताया गया है कि इस फैसले से ईपीएफ सदस्यों को वित्तीय लाभ होगा और दावों का निपटान समय पर होगा, जो उनके लिए बड़ी राहत साबित होगा।