पटना: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में कथित गड़बड़ियों को लेकर संसद में विपक्ष के हंगामे के बीच मिंता देवी नाम की महिला चर्चा में है। बिहार के सिवान जिले की पहली बार मतदाता बनीं मिंता देवी की उम्र मतदाता सूची में 124 वर्ष दर्ज है। 

विपक्ष ने इस मामले का उदाहरण देते हुए मंगलवार को प्रदर्शन किया। प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई विपक्षी  सांसदों ने उजला टीशर्ट पहले विरोध प्रदर्शन किया जिस पर 'मिंता देवी, 124 नॉट आउट' लिखा हुआ था। आखिर मिंता देवी से जुड़ी ये पूरी कहानी क्या है? जिला प्रशासन ने क्या कहा है और महिला ने क्या कुछ कहा है, आईए जानते हैं।

'ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के दौरान हुई गलती'

मिंता देवी के मामले पर सिवान जिला प्रशासन ने दावा किया कि यह विसंगति ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के दौरान हुई एक गलती थी। सिवान जिले के दरौंधा विधानसभा क्षेत्र के अरजानी पुर गाँव की निवासी मिंता देवी को हाल ही में एक मतदाता पहचान पत्र जारी किया गया था। इसमें उनकी उम्र 124 वर्ष बताई गई थी। उनके आधार कार्ड के अनुसार, उनकी सही जन्मतिथि 15 जुलाई, 1990 है। इसके मुताबिक उनकी उम्र 35 वर्ष होती है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मिंता देवी ने कहा, 'मुझे इस बारे में कुछ दिन पहले ही पता चला। मुझे अपना वोटर आईडी कार्ड एक-दो महीने पहले ही मिला था। मैंने तब उसे ध्यान से नहीं देखा था। जब इस मुद्दे ने तूल पकड़ा, तो मैंने अपना वोटर कार्ड देखा और गलती के बारे में पता चला।'

मिंता देवी के अनुसार स्थानीय बूथ लेवल अफसर (बीएलओ) के जरिए वोटर आईडी के लिए पंजीकरण कराने के कई प्रयास किए गए थे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने एक साइबर कैफे से ऑनलाइन आवेदन किया था। उन्होंने कहा, 'मैंने अपने आधार कार्ड के आधार पर सही जानकारी दी थी। यह गलती टाइप करते समय या बाद में हुई होगी।'

वहीं, महिला के पति धनंजय कुमार सिंह ने बताया कि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान कोई भी अधिकारी उनके घर नहीं आया। उन्होंने कहा, 'बीएलओ गाँव में एक ही जगह पर बैठते हैं और जानकारी इकट्ठा करते हैं, इसलिए ऐसी गलतियाँ हो सकती हैं।'

मामले के तूल पकड़ने पर सीवान के जिला जनसंपर्क कार्यालय ने मंगलवार को बताया, '1 अगस्त, 2025 को मतदाता सूची के ड्राफ्ट के प्रकाशन के बाद, बीएलओ ने उम्र संबंधी त्रुटि की पहचान की थी और मिंता देवी से संपर्क किया। उन्होंने 10 अगस्त, 2025 को संदर्भ आईडी S04109G8C1008251200004 के साथ फॉर्म-8 जमा कर दिया है, और अब सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।'

विपक्ष का चुनाव आयोग पर हमला

विपक्षी गुट ने मिंता देवी के मामले को जोरशोर से उठाते हुए इसे पुनरीक्षण की प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के सबूत के तौर पर पेश किया है। मंगलवार को कई विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में 'मिंता देवी 124 नॉट आउट' लिखी सफेद टी-शर्ट पहनकर विरोध प्रदर्शन किया।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके लिखा कि मिंता देवी को विश्व रिकॉर्ड के लिए नामांकित किया जाना चाहिए। उन्होंने पोस्ट किया, 'हम गर्व से मिंता देवी को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए नामांकित करते हैं: भारत की सबसे कम उम्र की दिखने वाली सबसे बुज़ुर्ग महिला - @ECISVEEP के कई चमत्कारों की बदौलत। वाह मोदीजी वाह।'

वहीं, कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने भी सोशल मीडिया पर कहा, 'चुनाव आयोग ने मानवता की बहुत बड़ी सेवा की है! उन्होंने सबसे बुजुर्ग जीवित महिला श्रीमती मिंता देवी की खोज की है, जिनकी उम्र बिहार में 124 वर्ष दर्ज है, महोदय! चुनाव आयोग द्वारा की गई इस बड़ी मतदाता धोखाधड़ी को कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जब तक इसे रोका नहीं जाता, INDIA विरोध करता रहेगा।'

119 साल की दो महिला वोटर के मामले

इस बीच अधिकारियों ने दावा किया कि एसआईआर की ड्राफ्ट रोल में ज्यादा उम्र से जुड़े दो और मामले भी सामने आए हैं। हालांकि, ये उम्र सही पाए गए हैं। भागलपुर जिले के पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र में आशा देवी नाम की महिला के आधार कार्ड से क्रॉस-चेकिंग के बाद उसकी आयु 120 वर्ष होने की पुष्टि की गई है।

संबंधित बीएलओ द्वारा प्रस्तुत एक आधिकारिक सत्यापन रिपोर्ट के अनुसार, आशा देवी जीवित हैं और श्रीमतपुर गाँव में रहती थीं। रिपोर्ट में कहा गया है, 'उनके आधार कार्ड में उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी, 1905 दर्ज है, जिससे उनकी आयु लगभग 120 वर्ष हो जाती है।'

गोपालगंज जिले से भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहाँ बरौली विधानसभा क्षेत्र के बलहा गाँव की रहने वाली मन्त्रूरिया देवी का नाम 2003 से मतदाता सूची में दर्ज है। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि 2003 की मतदाता सूची में उनकी आयु 97 वर्ष थी। वे जीवित हैं और 1 अगस्त को प्रकाशित ताजा मतदाता सूची में उनकी आयु 119 वर्ष दर्ज है।