चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, मतदाताओं को देना होगा नागरिकता का प्रमाण

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला दिया है। इसके तहत अब मतदाताओं को नागरिकता प्रमाण पत्र देना होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अपने सहयोगियों के साथ इसकी घोषणा की है।

ELECTION COMMISSION DECISION VOTERS HAVE TO SUBMIT PRROF OF PLACE OF BIRTH

चुनाव आयोग का मतदाताओं के लिए बड़ा निर्णय Photograph: (आईएएनएस)

नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने मतदाताओं के लिए नए नियम की घोषणा की है। इस नियम के तहत अब नए मतदाओं के साथ-साथ पुराने मतदाताओं को यह प्रमाणित करना होगा कि वे भारत के नागरिक हैं। चुनाव आयोग द्वारा इस नियम को लाने का उद्देश्य देश के अलग-अलग राज्यों के अवैध मतदाताओं की पहचान कर उन्हें सूची से बाहर निकालना है। 

अपनी नागरिकता का सबूत देने के लिए मतदाताओं को जन्म पंजीकरण, जन्म तिथि या जन्म स्थान के दस्तावेजी सबूत पेश करने होंगे। पुराने मतदाओं में जो 2003-04 में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद पंजीकृत हुए हैं, उन्हें भी नागरिकता संबंधी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने हैं। 

चुनाव आयोग ने मंगलवार को की घोषणा

चुनाव आयोग ने मंगलवार को इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि बिहार के लिए एसईआर प्रक्रिया बुधवार से शुरू होगी। यहां पर चुनाव से पहले यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं, देश के दूसरे राज्यों के लिए अलग से कार्यक्रम जारी किया जाएगा। 

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त एस एस संधू और विवेक जोशी ने जनप्रतिनिधित्व कानून- 1950 की धारा-21 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए पूरे देश में एसआईआर लागू करने का आदेश दिया। इसका उद्देश्य मतदाता सूची की अखंडता की रक्षा के लिए अपने संवैधानिक जनादेश का निर्वहन करना है। 

चुनाव आयोग की इस घोषणा के तहत 2003 की बिहार मतदाता सूची में शामिल लोगों से कोई दस्तावेज नहीं लिया जाएगा। चुनाव आयोग के पैनल ने कहा "ईआरओ 2003 की मतदाता सूची को पात्रता के प्रामाणिक साक्ष्य के रूप में मानेंगे, जिसमें नागरिकता की धारणा भी शामिल है, जब तक कि उन्हें कोई अन्य इनपुट न मिले।"

बिहार के मतदाताओं को देना होगा प्रमाण पत्र

इसके अलावा बिहार के अन्य मतदाताओं को गणना फॉर्म के अतिरिक्त यह घोषणा करनी होगी कि वे 18 वर्ष से अधिक हैं। इसके साथ ही उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र, संसदीय क्षेत्र की जानकारी देने होगी और 11 पात्र प्रमाण पत्रों के साथ अपनी नागरिकता का भी प्रमाण देना होगा। 

नागरिकता अधिनियम और नियमों की धाराओं के तहत अब स्थानांतरित हुए लोगों को भी यह दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा कि भारत में उनका जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ था। वहीं, जिन लोगों का जन्म 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2012 के बीच हुआ है उन लोगों को अपने माता या पिता का भी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना होगा। 

वहीं, जिन लोगों का जन्म 2 दिसंबर 2004 के बाद हुआ है उन्हें अपना और अपने माता-पिता के जन्म और जन्म स्थान का प्रमाण पत्र देना होगा। यदि माता-पिता में से कोई एक गैर-भारतीय है तो उसे उनका वैध पासपोर्ट और जन्म के समय का वीजा प्रस्तुत करना होगा। 

इसके अलावा जिस मतदाता का जन्म भारत के बाहर हुआ है ऐसे लोगों को विदेश में स्थित भारतीय मिशन द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। 

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