अनिल अंबानी पर ED का शिकंजा, 3000 करोड़ के ऋण धोखाधड़ी मामले में 35 ठिकानों पर छापा

ED ने Anil Ambani के समूह वाली रिलाइंस इंडस्ट्रीज के 35 ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें यस बैंक के पूर्व चेयरमैन राणा कपूर भी पूछताछ के दायरे में हैं। यह छापेमारी 3,000 करोड़ से अधिक ऋण धोखाधड़ी मामले में की गई है।

ed raided on anil ambani reliance group 35 premises in 3000 crore loan fraud case

अनिल अंबानी Photograph: (आईएएनएस)

नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को ऋण धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी के रिलाइंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनियों के 35 ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी द्वारा मारी गई छापेमारी में यस बैंक पूर्व चेयरमैन राणा कपूर समेत अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। यह मामला 3,000 करोड़ की ऋण स्वीकृति में अवैध तरीकों को अपनाने से जुड़ा है।

अधिकारियों ने कहा कि 50 कंपनियों के 35 ठिकानों और 25 लोगों पर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत छापेमारी की गई है। वित्तीय अपराधों की जांच करने वाली एजेंसी ईडी ने 19 सितंबर 2022 को दर्ज दो मामलों को अपने हाथ में ले लिया है। ये मामले यस बैंक द्वारा रिलाइंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) और रिलाइंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) को दिए गए दो अलग-अलग ऋणों से संबंधित है। दोनों ही मामलों में सीबीआई ने राणा कपूर का नाम लिया है।

अधिकारी ने क्या बताया?

इसके बाद में अधिकारी ने बताया कि कई अन्य एजेंसियों और संस्थाओं जैसे नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग ऑथारिटी (एनएफआरए) और बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी ईडी के साथ जानकारी साझा की है। 

अधिकारी ने बताया "प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बैंकों, शेयरधारकों, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थाओं को धोखा देकर जनता के पैसे को इधर-उधर करने या गबन करने की एक सुनियोजित योजना बनाई गई थी।" उन्होंने आगे कहा "यस बैंक के संस्थापक (राणा कपूर) समेत बैंक अधिकारियों को रिश्वत देने का अपराध भी जांच के दायरे में है।"

वहीं, एक अन्य अधिकारी के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि "2017 और 2019 के बीच में यस बैंक से लगभग 3,000 करोड़ रुपये का अवैध ऋण डायवर्जन किया गया।"

उन्होंने कहा "हमनें यह भी पाया कि ऋण दिए जाने से ठीक पहले यस बैंक के प्रमोटरों (कपूर) को उनके व्यवसाय में धन प्राप्त हुआ था। ईडी घूस और ऋण के इस गठजोड़ की जांच कर रही है।"

ऋण स्वीकृतियों में घोर उल्लंघन

ईडी ने यस बैंक द्वारा रिलाइंस अनिल अंबानी समूह की कंपनियों को दी गई ऋण स्वीकृतियों में "घोर उल्लंघन" पाया है। एक अन्य अधिकारी के मुताबिक, "क्रेडिट अनुमोदन ज्ञापन (सीएएन) पिछली तारीख (बैक डेट) के थे और बिना किसी जांच-पड़ताल या क्रेडिट विश्लेषण के निवेश प्रस्तावित किए गए थे, जो बैंक की क्रेडिट नीति का उल्लंघन थी।"

इसके अलावा ऋण शर्तों का उल्लंघन करते हुए इन ऋणों को कई समूह कंपनियों और मुखौटा कंपनियों को हस्तांतरित कर दिया गया।

ईडी को अपनी जांच के दौरान कुछ खामियां मिलीं जिनमें कमजोर वित्तीय स्थिति वाली संस्थाओं को ऋण देना, उचित दस्तावेज न होना, जांच-पड़ताल न होना, समान पते होना, समान निदेशक होना आदि शामिल हैं। इसके साथ ही प्रोमोटर समूह की संस्थाओं को ऋण देना, ऋणों को हमेशा के लिए टालना, आवेदन की तिथि पर ही ऋण वितरित करना, मंजूरी से पहले ऋण वितरित करना, वित्तीय स्थिति को गलत तरीके से प्रस्तुत करना शामिल है।

रिलाइंस समूह की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

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