नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने करीब नौ साल की जांच के बाद पाया कि लॉटरी व्यवसाय से जुड़े सैंटियागो मार्टिन और उनकी कंपनियों ने 350 से अधिक फर्जी या 'शेल' कंपनियां बनाई थीं, जहां कोई वास्तविक व्यावसायिक गतिविधि नहीं हो रही थी।
इंडिनय एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मार्टिन और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा बनाई गई 350 संस्थाओं में 15 साझेदारी फर्म, 200 कंपनियां और 110 लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) शामिल थीं।
ईडी के अनुसार, ये कंपनियां केवल 'भूमि-धारक इकाइयाँ' थीं, जिनका कोई वास्तविक कारोबार नहीं था और इनका मुख्य वित्तीय स्रोत लॉटरी व्यवसाय से धन को संपत्तियों में निवेश करना था। जांच एजेंसी ने नवंबर 2024 में कोयंबटूर, चेन्नई, दुबई और लंदन में मार्टिन और उनकी कंपनियों द्वारा किए गए निवेश से जुड़े दस्तावेज जब्त किए।
ईडी के मुताबिक, इन फर्जी दस्तावेजों के सहारे कुल 13 बैंक खाते खोले गए थे। इन खातों के जरिए 2,200 से ज्यादा लेनदेन किए गए। इस लेनदेन से कुल 112 करोड़ रुपये क्रेडिट हुए जाने की बात कही जा रही है। वहीं, डेबिट साइड में 315 करोड़ रुपये का लेनदेन होने की बात कही जा रही है। ईडी ने इन खातों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के संकेत होने और इससे प्राप्त धन का उपयोग कई राज्यों में किए जाने की आशंका जताई थी।
राजनीतिक चंदे में सबसे आगे मार्टिन की कंपनी
मार्च 2024 में मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज उस समय सुर्खियों में आई जब उसने चुनावी बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को सबसे अधिक चंदा दिया। कंपनी ने 2019 से 2024 के बीच लगभग 1,300 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय चुनाव आयोग ने यह जानकारी सार्वजनिक की, जिसे भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने उपलब्ध कराया था।
फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज गेमिंग सुविधाएं संचालित करती है, जिसमें कैसीनो, इलेक्ट्रॉनिक गेमिंग सेंटर और अन्य गेमिंग प्रतिष्ठान शामिल हैं। यह स्लॉट मशीन, कार्ड गेम और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गेमिंग विकल्प प्रदान करती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने विभिन्न राजनीतिक दलों को दान दिया, जिनमें- तृणमूल कांग्रेस (TMC) को ₹542 करोड़, डीएमके (DMK) को ₹503 करोड़, वाईएसआर कांग्रेस (YSR Congress) को ₹154 करोड़ और भाजपा (BJP) को लगभग ₹100 करोड़ शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ईडी का दावा है कि सैंटियागो मार्टिन ने तमिलनाडु के कई प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों (PEPs) के लिए मनी लॉन्ड्रिंग को सुगम बनाया और इन 350 से अधिक कंपनियों और LLPs के नाम पर संपत्तियां खरीदीं। इन संपत्तियों की बुक वैल्यू 3,000 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है, जबकि उनकी बाजार कीमत इससे कई गुना ज्यादा हो सकती है।