नई दिल्लीः मेहुल चोकसी की बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों को बेल्जियम जाने के लिए चुना गया है। गौरतलब है कि भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा प्रत्यर्पण के अनुरोध के बाद मेहुल चोकसी की एंटवर्प में गिरफ्तारी हुई है।
अब अधिकारी प्रत्यर्पण प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए दस्तावेज तैयार कर बेल्जियम सरकार के साथ समन्वय स्थापित करेंगे। मेहुल चोकसी को 12 अप्रैल को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था।
प्रत्यर्पण को चुनौती दे सकता है मेहुल चोकसी
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि चोकसी की हिरासत और गिरफ्तारी के बाद सीबीआई और ईडी के मुख्यालयों में प्रत्येक एजेंसी से दो-तीन अधिकारियों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा शुरू हुई। चुने जाने के बाद ये अधिकारी दस्तावेजीकरण पर काम करना शुरू करेंगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि चोकसी अपने प्रत्यर्पण को चुनौती देने के लिए उच्च अधिकारियों से संपर्क करेगा।
चोकसी के वकील ने बीते सोमवार को एक समाचार पत्र से बताया कि वह बेल्जियम में हुई गिरफ्तारी के विरोध में अपील करने की प्रक्रिया में हैं। चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा "जमानत पर उनकी रिहाई की हमारी अपील मुख्य रूप से इस बात पर होगी कि उनकी चिकित्सा स्थिति के कारण वे कैंसर का इलाज करा रहे हैं। हम यह भी तर्क देंगे कि उनके भागने का जोखिम नहीं है।"
सीबीआई और ईडी की टीम जाएगी बेल्जियम
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा "आने वाले दिनों में सीबीआई और ईडी की एक संयुक्त टीम उनकी कानूनी सलाहकारों के साथ उनकी सरकार से समन्वय स्थापित करने के लिए बेल्जियम जाएगी और प्रत्यर्पण प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए अपने केस फाइलों के सभी दस्तावेज भी जमा करेगी। "
इसी तरह एक और सूत्र ने पुष्टि की है कि दोनों एजेंसियों द्वारा बैठक की जा रही है और उनके शीर्ष नेतृत्व में आगे के कदम पर योजना बनाई जा रही है।
इसी तरह एंटवर्प पुलिस के प्रवक्ता ने भी पुष्टि की कि उन्होंने गिरफ्तारी वारंट को सफलतापूर्वक निष्पादित कर दिया है। मेहुल चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी समेत अन्य परिवार के सदस्यों को सीबीआई और ईडी द्वारा साल 2018 में मुंबई स्थित पंजाब नेशनल बैंक से कथित तौर पर धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। मेहुल चोकसी और नीरव मोदी पर 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।