UCO Bank के पूर्व चेयरमैन सुबोध कुमार पर ED की नकेल, 106 करोड़ की संपत्ति कुर्क की

यूको बैंक के पूर्व सीईओ सुबोध कुमार गोयल की 106 करोड़ रुपये की संपत्ति ईडी ने जब्त कर ली है। 6,210 करोड़ के ऋण की स्वीकृति के लिए गोयल ने कथित तौर पर रिश्वत ली थी।

ed attached 106 crore rupees properties of uco bank former chairman subodh kumar goel

ईडी ने जब्त की 106 करोड़ रुपये की संपत्ति Photograph: (बोले भारत डेस्क)

नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यूको बैंक के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) सुबोध कुमार गोयल की 106 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। गोयल की गिरफ्तारी दो महीने पहले हुई थी। उन्हें कथित तौर पर भ्रष्टाचार और धन शोधन मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। 

सुबोध कुमार गोयल को 16 मई को दिल्ली के उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 6,210.72 करोड़ रुपये की ऋण के लिए कथित तौर पर घूस लेने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

सीएसपीएल को दिया गया था ऋण

यह ऋण कॉन्कास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड (सीएसपीएल) को दिया गया था। ईडी ने इस मामले में सुबोध कुमार के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की है। गोयल पर आरोप है कि उन्होंने रिश्वत लेने के लिए क्रॉस होल्डिंग्स वाली नौ कंपनियों का एक जटिल जाल बनाया था। 

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि गोयल के स्वामित्व वाली 106.3 करोड़ रुपये की कई अचल संपत्तियां जब्त की गई हैं। 

ईडी के मुताबिक, इस मामले में सीबीआई, बैंक सिक्योरिटी एंड फ्राड ब्यूरो (बीएसएफबी), कोलकाता द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई थी। 
यह एफआईआर सीएसपीएल को 6,210.72 करोड़ रुपये के कथित डायवर्जन और हेराफेरी के संबंध में हुई थी। 

ईडी के प्रवक्ता ने क्या कहा?

ईडी के एक प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा "जांच में पता चला है कि गोयल के यूको बैंक के सीएमडी रहने के कार्यकाल के दौरान यूको बैंक द्वारा सीएसपीएल को बड़ी मात्रा में ऋण सुविधाएं स्वीकृत कीं, जिन्हें बाद में उधारकर्ता समूह द्वारा डायवर्ट और गबन कर लिया गया। बदले में गोयल को सीएसपीएल की तरफ से भारी मात्रा में अवैध रिश्वत मिली।"

ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि गोयल को लौह अयस्क कंपनी से घूस मिली थी। यह कंपनी एक लोन डिफॉल्टर कंपनी थी। गोयल ने इस रिश्वत का इस्तेमाल संपत्ति खरीदने में की। एजेंसी का दावा है "उसने लोन डिफॉल्टर से अपने परिवार की यात्राओं और चश्मे व सूखे मेवे जैसी निजी वस्तुओं की खरीद के लिए पैसे भी मांगे।"

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